राजकीय प्राथमिक विद्यालय त्यूँखर की छत टूटने के कगार पर फिर भी प्रशासन मौन

स्कूल की छत टूटने के कगार पर फिर भी प्रशासन मौन,
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 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो

राजकीय प्राथमिक विद्यालय त्यूँखर नवदेव आगर के  भवन को है मरोम्मत  की दरकार, स्कूल की छत टूटने के कगार पर फिर भी प्रशासन मौन।

विद्यार्थियों के जीवन पर संकट बन कर कभी भी हादसे का शिकार हो सकतें हैं नोनिहाल।

बारिश के कहर ने किस तरह तबाही मचाई रखी , वातानुकूलित कक्षों में बैठे जिम्मेदारों को कब होगा आखिर कब होगा अहसास।

यदि सरकार और जिम्मेदारों के पास धन कि कमी या ऐसे विद्यालयों की मरोम्मत के लिए सोचने का समय नही है तो तत्काल ऐसे विद्यालयों को बन्द करा देना चाहिए।

एक तरफ विद्यालयों में विद्यार्थियों की कमी यहां तक कि छात्र संख्या शून्य होने के कारण विद्यालय बन्द करने पड़े वही दूसरी तरफ जिन विद्यालयों में छात्र संख्या सही है उन विद्यालयों क के मूलभूत जरूरतों को पूरा न करना कहीं न कहीं अकर्मण्यता ओर जिम्मेदारी से भागना है।

शिक्षा विभाग के अधिकारी नहीं करते है विद्यालयो का भ्रमण, अगर करते तो स्थिति का जरूर चलता पता।

जखोली- उतराखंड सरकार पहाड़ो मे प्राथमिक शिक्षा को दुरस्त करने की चाहे लाखो दावे क्यों न करे लेकिन हकीकत कुछ और ही है। गाँवो मे आज भी कई विद्यालय ऐसे  जिनकी स्थिति  जीर्ण शीर्ण बनी हुई है और कभी भी ऐसे भवन बड़े हादसे को न्यौता दे सकते है, लेकिन प्रशासन ऐसे विद्यालयो की सुध नही ले रहा है।

ज्ञात हो कि विकासखंड जखोली के अन्तर्गत ग्राम पंचायत त्यूँखर मे राजकीय प्राथमिक विद्यालय नवदेव आगर का भवन जिसका निर्माण वर्ष 1995-96 मे किया गया था, आज भवन के निर्माण को लगभग 35 वर्ष से ऊपर का समय बीत चुका है,  लेकिन तब से लेकर और आज तक भवन की मरोम्मत तक नही की गयी, छत के ऊपर का प्लास्टर गिर कर  निकल रहा है तथा छत की सरिया साफ नजर आ रही तथा बारीश मे ऊपर छत से पानी अन्दर कमरो मे टपक रहा है जिस कारण से बारीश मे बच्चों को पढ़ाने को लेकर भारी परेशानी होती है। 

      वर्तमान समय मे इस प्राथमिक विद्यालय मे लगभग 39 छात्र छात्राएं अध्ययनरत है, इतने छात्र  संख्या वाले स्कूल मे अगर विद्यालय का छत जीर्ण शीर्ण स्थित मे हो और प्रशासन इन चीजो से अनविज्ञ्य हो तो और इससे बड़ी विडम्बना क्या हो सकती है। शासन द्वारा लघु मरोम्मत के लिए मिलने वाली धनराशि भी भी प्रर्याप्त नही मिलती जिससे कि इस धनराशि से विद्यालय की मरोम्मत करायी जा सके।

सामाजिक कार्यकर्ता रघुवीर सिह कैन्तूरा, गम्भीर सिह पवांर ने बताया कि आज दिवस तक शिक्षा विभाग का कोई भी अधिकारी त्यूँखर गांव मे किसी भी विद्यालय मे निरीक्षण करने नही आये अगर आते तो उनको विद्यालय की स्थिति के बारे जरूर पता होता, लेकिन जिला प्रशासन विद्यालय के प्रति संवेदनशील नही है, विद्यालय भवन को भारी खतरे के चलते अविभावक अब अपने बच्चो को अन्यंत्र ले जाने के फिराक मे है।

वही प्रबंधक समिति के अध्यक्ष कविता देवी, उपाध्यक्ष ललिता देवी, सदस्य मंजू देवी, शशिबाला, शिव सिह पवांर, आंनद सिह बुटोला आदि ने बताया कि अगर शिक्षा विभाग द्वारा यथाशीघ्र विद्यालय भवन की मरोम्मत नही कराता है तो हमे मजबूरन कही अन्य दूसरे विद्यालय मे भेजने मे मजबूर होगें।  विद्यालय के प्रधानाध्यापक श्री जसपाल बैरवाण ने बताता कि स्कूल भवन की स्थिति के बारे मे शिक्षा विभाग को अवगत करा दिया गया था।

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