श्री केदारनाथ में PAYTM क्यू आर कोड लगाकर किसने किया खेल।
श्री बद्री केदार मंदिर समिति का कहना QR CODE हमारे नहीं।
आस्था को ऑनलाइन किया जा सकता है या नहीं यह गंभीर विषय है और बुद्धिजीवियों व चिंतकों को इस पर विचार करना होगा। केदारनाथ धाम के कपाट खुले तो मंदिर परिसर के बाहर QR CODE लगे थे जिसमे ऑनलाइन पैसे दान करने की बात कही गई थी। जो की चर्चा का विषय बना तो मंदिर समिति ने स्पष्ट किया की श्री केदारनाथ व श्री बदरीनाथ में मंदिरों में विभिन्न स्थानों पर क्यू आर कोड के माध्यम से दान वाले बोर्ड श्री बदरीनाथ–केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) की ओर से नहीं लगाए गए थे। बीकेटीसी द्वारा रविवार को इस संबंध में पुलिस को तहरीर देकर इसकी जांच की मांग की गई है।
श्री बद्री केदार मंदिर समिति के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने बताया कि दोनों धामों में कपाट खुलने के दिन ये बोर्ड लगाए गए थे। बीकेटीसी के अधिकारियों के संज्ञान में आने पर उसी दिन बोर्ड उतार दिए गए थे। डिजिटल दान के बोर्डों की बीकेटीसी अधिकारियों ने पहले अपने स्तर से छानबीन की। रविवार को केदारनाथ के मंदिर अधिकारी द्वारा केदारनाथ पुलिस चौकी और बदरीनाथ में प्रभारी आधिकारी की ओर से कोतवाली में तहरीर दे दी गई है। अजेंद्र ने यह भी बताया कि बीकेटीसी द्वारा वर्तमान में अपने कामकाज में पेटीएम का प्रयोग नहीं किया जाता है।
सवाल है की एक बार ताम्रपत्र को भी बीकेटीसी द्वारा संचालित मंदिर उखीमठ में रखा गया था जिसकी जांच हुई नहीं हुई क्या हुआ भगवान ही जाने।
एक तरफ देश विदेश से लोग श्रद्धा के साथ धामों के खुलने की प्रतीक्षा करते हैं की कब बबाबा के दरबार में हाजिरी लगे इस मोके फायदा अपने निजी स्वार्थ के लिए ऐसे काम करना सही नहीं है।