जंगली सुअरों ने की आलू की खेती चौपट।
पलायन का कारण रोजगार न होने के साथ साथ पहाड़ की खेती को जंगली जानवरों द्वारा नुकसान पहुंचाए जाने से खेती का बंजर होना सबसे बड़ा कारण भी है।
पहाड़ की सबसे बड़ी त्रासदी बन चुकी है जंगली जानवरों द्वारा खेती को नुकसान। जंगली जानवर किसी बड़ी आपदा से कम नही है।
नासूर बन चुकी जंगली जानवरों से खेती को हो रहे नुकसान जैसी गम्भीर समस्या पर न किसी जनप्रतिनिधि का धरना प्रदर्शन हो रहा न किसी के द्वारा यह बात उचित मंच पर उठायी जा रही है। आवाज न उठाने का कारण यह मुद्दा उठाएंगे तो कष्ट होगा संघर्ष में।
जखोली-विकासखंड जखोली के दर्जनों गाँवो मे जंगली सूअरो के द्वारा काश्तकारों की फसलो को लगातार नुकसान पहुँचाया जा रहा है, जिस कारण से काश्तकारों को भारी परेशानियो का सामना करना पड़ता है।
पहले ही काश्तकार अतिवृष्टि की वजह से हलकान रहते है और अब जंगली सुअरो के उपद्रव की से उन्हें सकट का सामना करना पड़ रहा है।
आपको बता दे कि ग्राम पंचायत बैनोली मे विगत एक सप्ताह पूर्व जंगली सूअरो ने संजय नौटियाल पुत्र शिव प्रसाद नौटियाल के खेतो मे लगाये गयी आलू की फसल को चौपट कर दी। जिस सम्बन्ध मे उन्होने आलू की फसल को पहुँचाये गये नुकसान के सम्बन्ध मे 21/3/2023 को वनक्षेत्राधिकारी दक्षिणी रेंज जाखणी को इस बावत लिखित रुप मे भी अवगत कराया गया था।
उनका ये भी कहना है कि बैनोली गांव मे और भी परिवार है जिनके अपने खेतो मे आलू लगाये हुए है। यही ही नही गाँव मे पांलीहाउस भी लोगो ने लगाये हैं उनको भी आलू की फसल की तरह पालीहाउस को भी नुकसान पहुंचा सकते है।
संजय नौटियाल ने वन विभाग को दिये प्रार्थना पत्र मे जंगली सुअरो को मारने हेतू अधिकृत निशाने वाज को भेजकर सूअरो को मारने की अपील की गयी थी, लेकिन आज एक हप्ता गुजर जाने के बावजूद भी वन विभाग द्वारा कोई कार्यवाही नही की गयी।
उन्होंने कहा की अभी भी लगातार वहां रात के समय सुअरो का आना जाना लगा है। साथ ही गाँव की सीमा से लगे गावँ में भी जंगली सुअरों के द्वारा फसलों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है।
किसान भाइयों से अनुरोध है कि खेत मे कच्चा गोबर न डालें और प्रशासन गावँ में बने पक्के रास्तों ओर निकासी के लिए नालियां बनवाना सुनिश्चित करे क्योंकि अधिकतर गाँव मे गोबर को रास्ते के किनारे रखा जाता है और बारिश होने के बाद कच्चा गोबर पानी के साथ मिलकर गाँव के रास्तों से होकर खेतों तक पहुंचता है और कुरमुला कीट को खेतों में तैयार करता है जिसे पहाड़ों में उकसा के नाम से जाना जाता है। इस कीड़े के लिए अधिकतर सुअर खेतों को नुकसान पहुंचाता है।