धामी सरकार की कैबिनेट में हुए ये 23 बड़े फैसले, पढ़िए एक एक फैसला विस्तार से
1. उत्तराखण्ड (सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 ( अधिनियम संख्या – 15 वर्ष, 1895) में उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में संशोधन
जनपद ऊधमसिंहनगर के सीमान्तर्गत पूर्वी पाकिस्तानी (वर्तमान बांग्लादेश) से वर्ष 1971 से पूर्व भारत आये शरणार्थी जिन्हें पुर्नवास योजना के अन्तर्गत कृषि हेतु सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 के अधीन जिला पुर्नवास कार्यालय, बरेली और जिला पुर्नवास कार्यालय, रुद्रपुर (पूर्ववर्ती जिला नैनीताल) वर्तमान जिला ऊधमसिंहनगर द्वारा भूमि पट्टे पर आवंटित की गयी थी, व मूल पट्टेदार की सहमति से अन्य व्यक्ति जो दिनांक (09-01-2000 से पूर्व कब्जा प्राप्त कर उक्त भूमि पर काबिज थे, के विधिमान्यकरण हेतु उत्तराखण्ड (सरकारी अनुदान अधिनियम, 1895 ) ( अधिनियम संख्या 15 वर्ष 1895) में उत्तराखण्ड राज्य के परिप्रेक्ष्य में संशोधन-
2. मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना संशोधित गाईड लाईन
“मुख्यमंत्री सौर स्वरोजगार योजना” को वित्तीय रूप से और अधिक व्यवहारिक हो के लिए इस योजना की गाईडलाईन में संशोधन किया गया है। इसके अन्तर्गत योजना को सूक्ष्य लघु एवं मध्यम विभाग की मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के स्थान पर सूक्ष्य लघु एवं मध्यम उद्यम नीति-2015 के अन्तर्गत संचालित किया जायेगा जिसमें लाभार्थियों को 15% से 25% अनुदान के स्थान पर 15% से 40% तक अनुदान अनुमन्य होगा।
20 से 25 किलोवाट के संयंत्र के स्थान पर 50 किलोवाट, 100 किलोवाट एवं 200 किलोवाट के परियोजना संयंत्र स्थापित किये जायेगें। संयत्र लागत की दरों में वृद्धि के दृष्टिगत रु 40000 प्रति किलोवाट के सापेक्ष रू 50000.00 प्रति किलोवाट की दरें निर्धारित की गयी है।
3. उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901 ) की धारा-1 में संशोधन एवं धारा-233क में अन्तः स्थापन
प्रदेश स्तर पर नगर निकायों के विस्तार होने के फलस्वरूप “भू-राजस्व अधिनियम’ के अन्तर्गत राजस्व विभाग द्वारा की जाने वाली दाखिल-खारिज / म्यूटेशन की कार्यवाहियां बाधित हुई हैं, इससे प्रदेश में आमजन को हो रही कठिनाईयों के साथ भूमि विवादों की बढ़ती संख्या तथा भू-राजस्व में आयी कमी के दृष्टिगत अधिनियम में संशोधन-
उत्तराखण्ड (उत्तर प्रदेश भू-राजस्व अधिनियम, 1901 ) की धारा-1 में संशोधन एवं धारा-233क में अन्तः स्थापन अधिनियम में संशोधन होने के बाद ऐसे विस्तारित नगर निकाय क्षेत्रों में भूमि के दाखिल-खारिज / म्यूटेशन में आ रही कठिनाईयों का समाधान हो सुनिश्चित होगा इसके साथ ही भू-राजस्व जिसमें पहले कमी आयी थी में भी वृद्धि होगी।
4. आईफेड के वित्त पोषण से नई परियोजना-ग्रामीण उद्यम वेग वृद्धि परियोजना (Rural Enterprise Accelaration Project- REAP) के ढांचे में निम्नानुसार संशोधन प्रस्तावित-
प्रस्तावित ढांचे के पुनर्गठन / संशोधित किये जाने के उपरान्त कुल रू0 1445.20 लाख वार्षिक व्यय भार की बचत हो रही है।
क. पी०एम०यू० कार्यालय हेतु तकनीकी विशेषज्ञ लेवल-10 के 03 अतिरिक्त पदों को सृजित किया जायेगा।
ख. कतिपय पदों को Management Consulting Firm (MCF) से हटाकर HR Agency में शामिल किया गया है, जिससे व्ययभार में कमी हो रही है।
ग. आजीविका समन्वयक, अधिकतम रू० 30,000/- के सृजित 135 पदों में से 40 पदों को कम करते हुए 95 पद किये जाने का प्रस्ताव है।
घ. उत्तराखण्ड पर्वतीय आजीविका सर्वद्धन कम्पनी (उपासक) के अन्तर्गत मुख्य कार्यकारी अधिकारी, लेवल-11 (ग्रेड वेतन रू0 6600) का 01 पद सृजित किये जाने का प्रस्ताव है।
च . ग्रामीण वित्त समन्वयक का मासिक मानेदय रू0 30000/- के स्थान पर 35000/- किये जाने का प्रस्ताव है।
5 .उत्तराखण्ड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली, 2022-
मा० उच्चतम न्यायालय, नई दिल्ली में योजित M.A. No. 505/2022 in SMW (Crl) No-1/2017 In Re To Issue Certain Guidelines Regarding Inadequacies And Deficiencies in Criminal Trials वाद में पारित आदेश दिनांक 20.04.2021 के अनुपालन में उत्तराखण्ड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली, 2022 पर प्रकरण की तात्कालिकता के दृष्टिगत विचलन के माध्यम से मुख्यमंत्री के अनुमोदनोपरान्त गृह अनुभाग-5. उत्तराखण्ड शासन के शासनादेश संख्या-635/2022- XX-5-11 (38) 2022 दिनांक 28.06.2022 को जारी अधिसूचना के माध्यम से उत्तराखण्ड अन्वेषण प्रक्रिया नियमावली, 2022 प्रख्यापित / अधिसूचित की गयी है।
6.मुख्यमंत्री घोषणा संख्या-1548/2021 विधानसभा क्षेत्र 45 गंगोलीहाट के अन्तर्गत नगर पंचायत बेरीनाग को नगर पालिका परिषद का दर्जा दिया जाना है। उक्त क्षेत्र के निवासियों को प्रकाश, पक्की लाईन सड़कें, सीवर लाईन, साफ-सफाई, सम्पर्क मार्ग, शौचालयों आदि की समुचित व्यवस्था उपलब्ध होगी।
7. राज्य के विभिन्न श्रेणीयों की भूमियों को विनियमित किये जाने हेतु विचार विमर्श किया गया। इस विषय पर मंत्रिमंडल की उपसमिति गठित करने के लिए मुख़्यमंत्री को अधिकृत किया गया है।
8.उत्तराखण्ड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2023 के प्रख्यापन के सम्बन्ध में-
उत्तराखण्ड राज्य गठन के उपरांत पुलिस दूरसंचार विभागान्तर्गत राजपत्रित संवर्ग हेतु नवीन सेवा नियमावली प्रख्यापित न हो पाने के दृष्टिगत वर्तमान में उनकी सेवा शर्तों का विनियमन उ०प्र० पुलिस रेडियो सेवा नियमावली 1979 में उल्लिखित प्रावधानों के अनुसार किया जा रहा है। अतः राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर सेवा शर्तों में किये गये परिवर्तन /संशोधन के अनुसार संवर्ग की सेवानियमावली को अद्यतन किये जाने तथा साथ ही पुलिस उपाधीक्षक (पुलिस दूरसंचार) के पद पर चयन हेतु शैक्षणिक अर्हता/चयन प्रक्रिया में आवश्यक संशोधन किये जाने के दृष्टिगत उत्तराखण्ड पुलिस दूरसंचार राजपत्रित अधिकारी सेवा नियमावली 2023 को प्रख्यापित किये जाने के सम्बन्ध में मंत्रिमण्डल द्वारा अनुमोदन प्रदान किया गया है।
9. उत्तराखण्ड संविदा श्रमिक (विनियमन तथा उत्सादन) (संशोधन) नियमावली 2023
प्रस्ताव प्रस्तावित नियमावली द्वारा उत्तराखण्ड संविदा श्रमिक (विनियमन तथा उत्सादन) नियमावली, 2003 के नियम 17 में यह संशोधन प्रस्तावित किया जा रहा है कि यदि अधिष्ठानों के रजिस्ट्रीकरण (Registration) के लिए मुख्य नियोजक, श्रम विभाग उत्तराखण्ड शासन की अधिकारिक पोर्टल पर पूर्व निर्धारित शुल्क के प्रमाण के साथ प्रासंगिक अभिलेखों सहित उपलब्ध ऑन लाइन प्रारूप में आवेदन अपलोड करता है और आवेदन करने के 20 दिन में यदि संबंधित प्राधिकारी द्वारा पंजीयन / आवेदन पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो पंजीयन स्वतः स्वीकृत (Deemed Registration) समझा जाएगा।
उक्त के अतिरिक्त प्रस्तावित नियमावली द्वारा यह संशोधन भी प्रस्तावित किया जा रहा है कि यदि संविदाकार द्वारा अनुज्ञा (License) प्राप्त करने के लिए श्रम विभाग उत्तराखण्ड शासन की अधिकारिक पोर्टल पर पूर्व निर्धारित शुल्क के प्रमाण के साथ प्रासंगिक अभिलेखों सहित उपलब्ध ऑन लाइन प्रारूप में आवेदन अपलोड करता है और आवेदन करने के 20 दिन में यदि संबंधित प्राधिकारी द्वारा अनुज्ञा / आवेदन पर निर्णय नहीं लिया जाता है, तो अनुज्ञा स्वतः स्वीकृत (Deemed Licensing) समझा जाएगा।
10. राज्य सरकार द्वारा फिल्म शीर्षक ‘कश्मीर फाइल्स’ तथा ‘सम्राट पृथ्वीराज’ को राज्य के भीतर प्रोत्साहित किये जाने के क्रम में एस०जी०एस०टी० की प्रतिपूर्ति किये जाने हेतु विचलन से अनुमोदित निर्णय को मा० मंत्रिमण्डल के संज्ञानार्थ प्रस्तुत किये जाने के सम्बन्ध में-
1. राज्य सरकार द्वारा फिल्म शीर्षक कश्मीर फाइल्स’ तथा ‘सम्राट पृथ्वीराज को राज्य के भीतर प्रोत्साहित किये जाने के क्रम में एस०जी०एस०टी० की प्रतिपूर्ति किये जाने का निर्णय तात्कालिकता के दृष्टिगत विचलन द्वारा प्राप्त करते हुए शासनादेश निर्गत किये गये थे ।