सेमी गावँ की महिलाओं को दिया गया चौलाई (रामदाना) से लड्डू तैयार करने का प्रशिक्षण

आजीविका संवर्धन में स्वरोजगार के साधनों का विकास सिंगोली भटवाड़ी केट प्लान के अंतर्गत रुद्रप्रयाग वन प्रभाग रुद्रप्रयाग की अभिनव पहल
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सेमी गावँ की महिलाओं को दिया गया चौलाई (रामदाना) से लड्डू तैयार करने का प्रशिक्षण।

आजीविका संवर्धन में स्वरोजगार के साधनों  का विकास सिंगोली भटवाड़ी केट प्लान के अंतर्गत रुद्रप्रयाग वन प्रभाग रुद्रप्रयाग की अभिनव पहल।

रुद्रप्रयाग प्रभाग के उपवन सरंक्षक श्री अभिमन्यु के कुशल नेतृत्व में सिंगोली भटवाड़ी केट प्लान योजना के अंतर्गत आच्छादित गावँ सेमी जो कि श्री केदारनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव गुप्तकाशी से 3 किलोमीटर की दूरी पर है कि महिलाओं द्वारा श्री केदारनाथ की आगामी यात्रा को देखते हुए अपना स्वरोजगार का साधन चोलाई लड्डू बनाने का लक्ष्य तय किया है।

श्री केदारनाथ यात्रा में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं को  पहाड़ी उत्पादों से रूबरू करवाना, क्योंकि पहाड़ी क्षेत्रों में पारम्परिक रूप से खेती होती है जिसे जैविक खेती के नाम से जाना है यह परम्परगत रूप से खेती का मॉडल जिसे आज दूसरे क्षेत्र अपना रहे यह खेती का मॉडल पहाड़ों में प्राचीनकाल से चला आ रहा है।
पहाड़ो में उत्पादित रामदाना का स्थानीय उपयोग बहुत कम मात्रा में है जिसके खरीददार बाहर से आकर ओने पौने दामों में खरीद करके ले जाते जिससे कि लागत के बराबर काश्तकार को लागत मूल्य मिल पाना मुश्किल होता है इसका दूसरा कारण यह है कि उत्पादन की मात्रा इतनी नही है कि काश्तकार इसे बेचने स्वयं बाजार जा सके।
इस समस्या का समाधान चोलाई उत्पाद को वेल्यू एड करके बेचा जाए जिसके लिए जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग का बहुत अच्छा सहयोग श्री केदारनाथ यात्रा के समय मिलता है।
सेमी गावँ में रुद्रप्रयाग वन प्रभाग रुद्रप्रयाग के सहयोग से दो दिवसीय चोलाई लड्डू तैयार करने की पहल को उपस्थित प्रशिक्षणार्थियों द्वारा सराहा गया है, प्रशिक्षण कार्यक्रम में मास्टर ट्रेनर इंदु नौटियाल द्वारा चोलाई लड्डू कैसे तैयार किये जाते हैं क्या सावधानियां जरूरी हैं के बारे में विस्तारपूर्वक बताया तत्प्श्चात चोलाई लड्डू प्रशिक्षणार्थियों के द्वारा तैयार किये गए।
पहाड़ो में उत्पादित रामदाना का स्थानीय उपयोग बहुत कम मात्रा में है जिसके खरीददार बाहर से आकर ओने पौने दामों में खरीद करके ले जाते जिससे कि लागत के बराबर काश्तकार को लागत मूल्य मिल पाना मुश्किल होता है इसका दूसरा कारण यह है कि उत्पादन की मात्रा इतनी नही है कि काश्तकार इसे बेचने स्वयं बाजार जा सके।
इस समस्या का समाधान चोलाई उत्पाद को वेल्यू एड करके बेचा जाए जिसके लिए जिला प्रशासन रुद्रप्रयाग का बहुत अच्छा सहयोग श्री केदारनाथ यात्रा के समय मिलता है।
इस अवसर पर रुद्रप्रयाग वन प्रभाग से यूनिट अधिकारी श्री उदय सिंह रावत, वन आरक्षी श्री अजय सेमवाल, पूर्व प्रधान श्रीमती कुंवरी बर्थवाल, श्री चण्डी प्रसाद चौकियाल आदि उपस्थित रहे।
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