रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो
थाती-बड़मा में बेटी मनोरमा ने अपने स्व० माता-पिता की स्मृति मे करवाय घंटाकर्ण देवता के मन्दिर मे सत्संग कक्ष का निर्माण।
08 जनवरी को समस्त ग्रामीणों की गरिमामय उपस्थित मे किया गया भवन का लोकार्पण।
उत्तराखंड देवभूमी को यूं ही वीरांगनाओं की धरती नहीं माना जाता है इस इतिहास को आगे बढ़ाते हुये थाती बड़मा की बेटी श्रीमती मनोरमा असवाल धर्मपत्नी श्री सुरेन्द्र सिंह असवाल ग्राम कफलखील नवासी पट्टी बच्छणस्यूअं ने अपने स्वर्गीय माता जी श्रीमती शाकाम्बरी देवी एवं स्वर्गीय पिताजी श्री कुंवर सिंह रावत ग्राम थाती बड़मा के घर दो पुत्री में छोटी पुत्री के रूप में जन्म लेकर पढ़ाई में होनहार रहकर अपने को बेटे के रूप में स्थापित कर राजकीय प्राथमिक विद्यालय में प्रधानाध्यापक पद से सेवा निवृत्त होकर सामाजिक कार्य में भी लगातार बढ़ चढ़ कर भाग लेती रही ।
यही सामाजिक सेवा उनको आज अपने मायके में ईष्ट घंडियाल देवता मंदिर मे धर्मशाला का निर्माण कर अपने स्वर्गीय माता-पिता को आज विधिवत पंण्डित द्वारिका गौड जी एवं पंण्डित सत्य प्रसाद सेमवाल जी के द्वारा किये गए मंत्रोचारण सहित श्रद्धाजलि समर्पित की।
इस मौके पे गावनवासियों ने गर्मजोशी से असवाल परिवार का माल्यार्पण कर स्वागत किया। इस मौके पर श्री मदन सिहं नेगी जी और श्री विशम्बर रावत जी ने ग्राम थाती बडमा की ओर से धन्यवाद दिया तथा श्री कालीचरण रावत ने मंच संचालन किया। साथ ही महिला मंगल दल युवक मंगल दल ने भी माल्यार्पण कर स्वागत किया।
ग्रामवासियों मे श्री विक्रम सिहं रावत , दिलवर रावत, आशीष रावत, गम्भीर रावत, योगम्बर रावत, भगत सिहं रावत, ईश्वर रावत, दीपक रावत, जोत सिहं रावत, महावीर रावत, दिगम्बर रावत, शेर सिहं रावत, हनुमंत रावत, अनूप असवाल, प्रेम सिहं रावत, सत्ते सिहं रावत, सौरव रावत, प्रीतम रावत व राजनारायण रावत आदि उपस्थित रहे।


