प्रधानमंत्री मोदी की अग्निपथ योजना और उसके भावी अग्निवीर।
भारत सरकार ने अग्निवीर योजना को लांच क्या किया की उन्मादी और जिनका तकिया कलाम सिर्फ विरोध करना है जैसे कि कहा जा रहा है कि जैसे तीन वापस लिए गए ऐसे ही यह अग्निवीर योजना भी सरकार वापस लेगी विरोध शाहीनबाग और किसान आंदोलन के नाम पर टिकरी बॉडर आदि की तरह ही होगा सरकार दबाब में झुकेगी और इस योजना को वापस लेगी।
विरोधी तत्वों के द्वारा रेल जलाने का कार्य किया गया है क्या ये जिन्हे पीड़ित नौजवान कहा जा रहा है ये भारत क़े सैनिक बनने क़े उम्मीदवार तक भी कैसे हो सकते हैं!
इस योजना के लांच होने पर देश में चाहे वह भाजपा शासित उत्तरप्रदेश हो या कांग्रेस शासित राजस्थान या तृणमूल कांग्रेस शासित बंगाल हो इन राज्यों में बवाल होने के बाद भी ऐसे घटनाएं नहीं हुई हैं जैसे की बिहार जो कि एनडीए शासित राज्य है में हुए हैं। इसका कारण यदि देखें तो लालू प्रसाद यादव और उनके बेटों जनाधार है, ममता बनर्जी का अपना जनाधार है , अखिलेश यादव जनाधार है पर बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार जनाधार शून्य है देखने वाली बात है कि जिस नितीश की पार्टी का जनाधार 4 प्रतिशत वोट हैं और वह राज्य का मुख्यमंत्री है तो किसी न किसी रणनीति के तहत ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पाएं होंगे कुमार। नितीश कुमार से बड़ा घाघ नेता हो सकता है कोई ये भाजपा की न समझ में आ रहा है और न आने वाला है।
अब बात करते हैं ट्रेन जलाने वालों की ये सिर्फ राजनीतिक दलों क़े गुंडे है। जायज मांग क़े लिए गुंडे, माफिया, भ्रष्ट और बेईमानो द्वारा आंदोलन की अगुआई करने से यह योजना नाजायज लगने लगती है। लेकिन यहाँ तो छात्र क़े आवरण में राजनीतिक गुंडे भारत जलाने को आतुर हैं! ये नफ़रती गुंडे मोदी को बर्बाद करने क़े नशे किस हद तक जाते हैं। इनका नशा मोदी को आवाद करने लगता है।
इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना के बाद मोदी से नाराज़ होते भक्त भी उतनी ही ताकत से मोदी क़े साथ खड़े हो जाते हैं। इन आताताइयो क़े खौफ को देख कर। सीमा की सुरक्षा में अपने प्राण भी बलिदान कर देना कोई धंधा या रोजगार नहीं होता।
मात्र 21-23 वर्ष की आयु में 4 वर्ष के सैन्य प्रशिक्षण तथा 15-20 लाख रूपये की हर प्रकार के कर से मुक्त जमापूंजी के साथ नए जीवन का प्रारंभ करने का अवसर देने वाली अनमोल योजना है "अग्निपथ"। देश मे ऐसी कोई योजना पहले कब बनी.?
अग्निपथ योजना की आलोचना वो कर रहे हैं जिन्होंने पूरे देश में 18 बरस से ऊपर के हर ग्रामीण नौजवान को साल में केवल 100 दिन 100 रूपये की दिहाड़ी देकर गड्ढे खोदने के धंधे में लगा दिया था। गड्ढा खोदकर उन नौजवानों का भविष्य कैसी संभावनाओं की क्या उम्मीद करता होगा? यह स्वंय तय कर लीजिए। लेकिन वही लोग अपनी छाती, अपनी पीठ खुद ठोंकने लगे थे। अपनी तारीफ़ में ढोल पीटने लगे थे।
लोगों को यह समझ नहीं आ रहा है कि अमित शाह की पुलिस भारतद्रोही गुंडों क़े सामने लचर और हताशा क्यों पैदा कर रही है लोगों के मन में। इन सब आततायियों और मवालियों की पहचान हो और जिहादियों की तरह इनके घर पर बुलडोजर चले।
इन उन्मादियों दंगाईयों चमचों को कौन समझाये। यह सब कराकर कैमरे में आकर भी लालू यादव का पाँचवी फेल बेटा बिहार का स्वास्थ्य मंत्री और नवीं फेल उप मुख्यमंत्री बन सकता है। इन उन्मादियों और दंगाईयों की भारत जलाते समय तस्वीर निकल आई तो चपरासी की कामचोरी की नौकरी का सपना भी छू मंतर हो जाएगा। सेना क़े लायक़ आप नहीं यह तो पहले ही साबित कर दिया।
यदि अग्निवीर योजना का लाभ देखें तो यूक्रेन का जो युद्ध विभीषिका का रूप ले चूका है यदि उसके पास भी प्रशिक्षित युवा या व्यक्ति होते तो युद्ध नजारा ही कुछ और होता जैसे चाइना और रूस के पास अपनी रिजर्व फ़ोर्स है नेहरू ने अपने प्रधानमंत्री बने रहने के लिए चीन से भी क्या वायदे किये सिर्फ बातों से ही काम नहीं चलता 1962 के युद्ध की क्या परिणीति हुई क्यों भारत की सेना के दिल में अभी तक और आजन्म यह युद्ध कील की तरह चुभता रहेगा इसके कारण सभी को पता हैं।
अग्निपथ देश का भाग्य बदल देने वाली योजना है। इस योजना का जमकर समर्थन करिए। इस योजना का विरोध कर रहे धूर्तों का जमकर विरोध करिए।
गद्दारों में हाहाकार क्यों मचा रही है प्रधानमंत्री मोदी की अग्निपथ योजना और उसके भावी अग्निवीर...!!!