रामरतन सिह पवांर/गढवाल ब्यूरो-
मुख्य बाजार मयाली के प्रति नही है शासन प्रशासन संवेदनशील।
बाजार की मूलभूत समस्याओं का जिला प्रशासन के पास नही है कोई विकल्प। आखिर कब सुधरेगी मयाली बाजार की व्यवस्था।
जखोली-शासन प्रशासन चार धाम यात्रा को लेकर देश-विदेश से चारो धामो की यात्रा करने वाले यात्रियों को सुविधाएं देने हेतू बड़े बड़े दावे तो हमेशा करता आया है मगर ये दावे हमेशा खोखले ही सावित होते नजर आते।और और ये झूठे दावे हमेशा प्रशासन की पोल खोलते हैं। आपको अवगत करा दे कि यात्रा शूरु होने मे केवल दस दिन का समय बचा है और अभी तक चार धाम यात्रा मार्ग पर कुछ स्थानों पर जहां से यात्री गुजरेंगे उन स्थानों पर अभी सुविधा से समन्धित कोई कार्य जिला प्रशासन द्वारा अभी तक नही किये गये।
ज्ञात हो कि तिलवाड़ा -घनसाली के मध्य में मयाली बाजार जहाँ से चार धामो के लिए सैकड़ो वाहन हर दिन यात्रा सीजन मे गुजरते है व खाने पीने के लिए मयाली बाजार मे रुकते है, ऐसे स्थान पर यात्रियो के लिए कोई ठोस व्यवस्था नही है।
हम सबसे पहले बात करते है पीने के पानी कि, मयाली बाजार मे हर समय पानी कि किल्लत बनी रहती है जिसके लिए जलसंस्थान रूद्रप्रयाग मयाली की जनता को पानी की आपूर्ति करने मे असक्षम साबित हो रहा है।वही यात्रा मार्ग मुख्य बाजार मयाली मे सबसे बड़ी समस्या शौचालय की है, जिला रुद्रप्रयाग द्वारा बर्ष 2013-14 मे 3.40 लाख की लागत से शौचालय का निर्माण तो करा दिया गया था लेकिन आज यह शौचालय बिना रेख देख के जीर्ण शीर्ण स्थिति मे है, मात्र आठ सालो मे यह शौचालय कब्बाड़खाना बनकर रह गया।
शौचालय मे सबसे बड़ी समस्या पानी की है। आज तक इस शौचालय ने पानी देखा ही नही।
जिस कारण से ना तो कोई यात्री और नाही कोई मयाली बाजार आने जाने वाले व्यक्ति इस शौचालय की तरफ झाँक कर भी नही देखते है। दूसरी बात 2016-17 मे 1,50000 रूपये की लागत से जिला पंचायत द्वारा एक और शौचालय बनाया गया लेकिन इस शौचालय मे भी पानी की कोई व्यवस्था नही है। यह शौचालय भी राम भरोसे चल रहा है।
तीसरी बात मयाली मुख्य बाजार मे अभी तक वाहनो को खड़े करने के लिए पार्किंग व्यवस्था नही है जिस कारण से अधिकांश वाहनो को बाजार मे सड़क के दोनो और खड़ा किया जाता है जिस कारण आये दिन जाम की स्थिति बनी रहती है।
जिससे चार धाम जाने वाले यात्रियों को भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है। उतराखंड आन्दोलनकारी हयात सिह राणा, सामाजिक कार्यकर्ता जीतेन्द्र बुटोला ने कहा है कि जिला प्रशासन मयाली को लेकर संवेदनशील नही है जबकि मयाली चार धाम यात्रा का मुख्य पड़ाव है। यात्रियों की सुविधा हेतू यात्रा रूट पर शौचालय या अन्य कोई वैकल्पिक व्यवस्था भी जिला प्रशासन के द्वारा की जानी चाहिए थी लेकिन शासन प्रशासन ने हमेशा मयाली बाजार की उपेक्षा की है ।