रूप सिंह रावत/सतपुली
आदमखोर गुलदार का आतंक, दूध देने जा रहे 42 वर्षीय व्यक्ति को बनाया निवाला।
वन विभाग के खिलाफ भारी आक्रोश कमरे में बन्द किये वन विभाग के कर्मचारी।
उत्तराखंड के पौड़ी गढ़वाल जिले में वन्यजीवों का आतंक थमने का नाम नहीं ले रहा है, जिससे अब ग्रामीणों की जान बचाना भी मुश्किल होता जा रहा है। नगर से सटे सत्यखाल क्षेत्र में आज सुबह एक अत्यंत दर्दनाक घटना सामने आई, जहाँ घात लगाए बैठे एक आदमखोर गुलदार ने 42 वर्षीय राजेन्द्र सिंह उर्फ राजू भाई को अपना निवाला बना लिया। स्थानीय सूत्रों के अनुसार, राजेन्द्र सिंह सुबह करीब साढ़े सात बजे दूध देने के लिए पौड़ी की ओर जा रहे थे, तभी गुलदार ने उन पर अचानक हमला कर दिया और उन्हें अपने पंजों में दबोच लिया। चीख-पुकार सुनकर ग्रामीण घटनास्थल की ओर दौड़े, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी—राजेन्द्र की मौके पर ही मौत हो गई थी। इस हृदयविदारक घटना से पूरे गांव में दहशत का माहौल फैल गया है और ग्रामीण भय के साए में जीने को मजबूर हैं।
इस घटना ने क्षेत्र में वन विभाग की घोर लापरवाही को उजागर कर दिया है, जिसके खिलाफ ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। आक्रोशित ग्रामीणों ने तत्काल घटनास्थल पर पहुंची वन विभाग की टीम को घेर लिया और विभाग पर गंभीर आरोप लगाए। उनका स्पष्ट कहना था कि क्षेत्र में गुलदार की लगातार आवाजाही पहले से ही देखी जा रही थी, इसके बावजूद विभाग द्वारा ग्रामीणों की सुरक्षा के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किए गए, जिसकी परिणति आज इस भीषण त्रासदी के रूप में सामने आई है।
वन्यजीवों के लगातार बढ़ते हमलों से अपनी जान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे ग्रामीणों ने मांग की है कि वन विभाग तत्काल आदमखोर गुलदार को पकड़ने या मारने की कार्रवाई करे और पीड़ित परिवार को उचित एवं पर्याप्त मुआवजा दिया जाए। वहीं, वन विभाग और पुलिस के कर्मचारियों ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने और आगे की जांच में जुट गए हैं। सत्यखाल की यह घटना जंगल से सटे गांवों में सुरक्षा उपायों की तत्काल आवश्यकता और वन्यजीवों के बढ़ते आतंक से ग्रामीणों की जान बचाने के पड़ रहे लाले पर एक गंभीर प्रश्नचिह्न खड़ा करती है।


