मंदाकिनी की लहरों में समा रही थी जिंदगी, देवदूत बनकर आए मजदूरों ने बचाई जान।
युवती ने प्रेम प्रसंग में मिले धोखे से इस कदर टूट चुकी थी कि उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
मंदाकिनी की लहरों में समा रही थी जिंदगी, देवदूत बनकर आए मजदूरों ने बचाई जान।
युवती ने प्रेम प्रसंग में मिले धोखे से इस कदर टूट चुकी थी कि उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया।
अगस्त्यमुनि। शनिवार की सुबह मंदाकिनी नदी के किनारे का शांत माहौल उस वक्त चीखों से गूंज उठा, जब एक 18 वर्षीय युवती ने अपनी जिंदगी खत्म करने के इरादे से नदी में छलांग लगा दी। इससे पहले कि नदी की तेज धारा उसे बहा ले जाती, वहां मौजूद कुछ नेपाली मजदूरों ने अपनी जान की परवाह किए बिना उसे बचा लिया।
यह दिल दहला देने वाली घटना अगस्त्यमुनि के सौड़ी क्षेत्र की है। बताया जा रहा है कि 18 वर्षीय युवती ने प्रेम प्रसंग में मिले धोखे से इस कदर टूट चुकी थी कि उसने यह खौफनाक कदम उठा लिया। शुक्रवार को परिजनों ने उसकी गुमशुदगी की शिकायत भी दर्ज कराई थी, लेकिन किसी को अंदेशा नहीं था कि वह ऐसे हाल में मिलेगी।
नदी में युवती को कूदते देख रेत निकाल रहे मजदूरों ने तुरंत हरकत में आते हुए उसे पानी से बाहर निकाला। मौके पर पहुंची एसडीआरएफ और पुलिस की टीम ने उसे अस्पताल पहुंचाया।
इस घटना ने एक बार फिर समाज को यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि आखिर क्यों युवा पीढ़ी भावनात्मक तनाव को झेल नहीं पा रही है। स्थानीय लोगों ने इसे एक सामाजिक संकट की शुरुआत बताते हुए इस पर गंभीर चिंतन की आवश्यकता पर जोर दिया है।
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