पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने, रुद्रप्रयाग में विकास कार्यों में राजनीति पर जताया दुःख

कृषि औद्यानिकी एवं विकास मेले में स्थानीय कलाकारों की धूम,
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 कृषि औद्योगिक एवं पर्यटन विकास मेले में पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने की शिरकत, रुद्रप्रयाग में विकास कार्यों में राजनीति पर जताया दुःख।

जखोली (रामरतन पंवार की रिपोर्ट)। विकासखंड जखोली प्रांगण में आयोजित पाँच दिवसीय कृषि औद्योगिक एवं पर्यटन विकास मेले के तीसरे दिन पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। उनके आगमन ने मेले में नई ऊर्जा का संचार किया।

दीप प्रज्वलन से हुआ शुभारंभ

मेले के तीसरे दिवस का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. हरक सिंह रावत ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर मेला संयोजक और जखोली की प्रमुख श्रीमती विनीता चमोली भी उपस्थित रहीं। मेला समिति के सदस्यों और स्थानीय जनता ने फूल-मालाओं से मुख्य अतिथि का गर्मजोशी से स्वागत किया।

महान विभूतियों को किया नमन

मेले के उद्घाटन से पूर्व, मुख्य अतिथि ने विकासखंड प्रांगण में स्थापित उत्तराखंड के गांधी कहे जाने वाले स्वर्गीय इंद्रमणि बडोनी, संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर, और वीर माधो सिंह भंडारी की प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व प्रमुख प्रदीप थपलियाल ने की, जबकि मंच का सफल संचालन दीपक भट्ट और गिरीश बडोनी ने संयुक्त रूप से किया।

सांस्कृतिक प्रस्तुतियों ने बांधा समाँ

कार्यक्रम का आगाज़ रंगारंग सांस्कृतिक लोक गीतों से हुआ, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। स्थानीय लोक गायक जगदम्बा उनियालजगदम्बा भकत्वाण ने अपनी शानदार प्रस्तुतियों से मेले में समां बांध दिया। वहीं, उत्तराखंड के प्रसिद्ध लोक गायक बिक्रम कप्रवान और लोक गायिका रेखा जोशी उनियाल ने अपने जागर और लोकगीतों के माध्यम से उपस्थित सैकड़ों श्रोताओं के दिलों में अपनी छाप छोड़ी।

"जब तक साँसें रहेंगी, जखोली की सेवा में आता रहूंगा": डॉ. रावत

अपने संबोधन में मुख्य अतिथि डॉ. हरक सिंह रावत ने जखोली की जनता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता जाहिर की। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "जब तक मेरी साँसें रहेंगी, तब तक मैं जखोली में जनता की सेवा करने आता रहूंगा।"

उन्होंने रुद्रप्रयाग जिले में विकास कार्यों में हो रही कथित अव्यवस्था पर गहरा दुःख व्यक्त किया। अपने संबोधन में उन्होंने रुद्रप्रयाग में प्रस्तावित सैनिक स्कूल और कृषि महाविद्यालय का भी विशेष रूप से ज़िक्र किया। पूर्व कैबिनेट मंत्री ने स्पष्ट कहा कि विकास की योजनाओं के साथ राजनीति नहीं होनी चाहिए, लेकिन यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आज आम जनमानस के जीवन से जुड़े कई विकास कार्य लंबे समय से राजनीति की भेंट चढ़ चुके हैं।

डॉ. रावत ने उपस्थित अधिकारियों से भी अपील की कि वे एकजुट होकर जखोली की सूरत बदलने के लिए काम करें।

पलायन पर चिंता और पहाड़ की ताकत

पलायन की समस्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि हमने पहाड़ की संस्कृति को भुला दिया और खेती-बाड़ी छोड़कर मैदानों की ओर पलायन कर गए। हालांकि, उन्होंने कहा कि जो लोग आज भी पहाड़ में रहकर खेती-बाड़ी कर रहे हैं, वे सही मायनों में पहाड़ के सिपाही कहलाते हैं। उन्होंने जखोली को 'पहाड़ की ताकत' बताते हुए कहा कि इस ताकत को हमेशा ज़िंदा रखना है।

मुख्य अतिथि ने मेले के सफल आयोजन के लिए आयोजक समिति और उपस्थित जनता को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।

कार्यक्रम में उपस्थिति

इस अवसर पर जखोली प्रमुख श्रीमती विनीता चमोली, पूर्व प्रमुख प्रदीप थपलियाल, ज्येष्ठ उपप्रमुख नवीन सेमवाल, कनिष्ठ प्रमुख राजेंद्र सिंह रावत, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख अर्जुन सिंह गहरवार, चैन सिंह पंवार, सुरेंद्र सकलानी सहित कई गणमान्य लोग और सैकड़ों की संख्या में स्थानीय जनता उपस्थित रही।

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