मयाली में आक्रोशित जनता के आगे प्रशासन के हाथ पैर फूले

आदमखोर गुलदार की दहशत से आक्रोशित ग्रामीण,
खबर शेयर करें:

 गुलदार द्वारा मयाली में चक्काजाम। जनता के आगे प्रशासन के हाथ पैर फूले ।

2:00 बजे दिन बाद डीएफओ रुद्रप्रयाग के मौके पर पहुंचने से ग्रामीणों ने किया यातायात बहाल। 

10 जून 2025 को 4 माह के अंतराल पर 3 महिलाओं की मौत गुलदार के द्वारा किये हमले से आक्रोशित जन समुदाय ने आज सुबह से मयाली बाजार में चक्काजाम कर दिया।  आंदोलनरत ग्रामीण महिलाओं और पुरुषों के द्वारा स्पष्ट कहा गया कि दिनांक 25 फरवरी 2025 को श्रीमती सर्वश्वरी देवी  पत्नी श्री इन्द्रदत्त  ग्राम देवल अपना निवाला बनाने के बाद गुलदार को गोली मारने के आदेश मिले पर देवल गावं से लगे खरियाल गावं में बसंती देवी पत्नी श्री राजेंद्र  प्रसाद व खरियाल गावं से लगे लम्ब्वाड गावं श्रीमती गीता देवी पत्नी श्री अनिल सिंह व  इसी गावं से लगे मयाली गावं में श्रीमती ललिता देवी पत्नी श्री प्रकाश काला व कल की घटनास्थल के गावँ मखेत में श्रीमती दीपा देवी पत्नी श्री अषाढ़ सिंह व मखेत के नजदीकी गावं महरगावं में कार्तिक सिंह पुत्र किशन सिंह व मखेत गावं के नजदीकी गावं अनीश सिंह पुत्र स्व0 महावीर सिंह ग्राम ढुमकी पर गुलदार द्वारा हमला किया गया इसी क्षेत्र में 2 किलोमीटर के रेडियस पर 8 घटनाएं होना अपने आप में सवाल खड़े करती है।


आक्रोशित ग्रामीणों का कहना है कि देवल में जब महिला की मौत गुलदार के हमले से हुई तो वन विभाग द्वारा अपने कर्तव्य की इतिश्री करने के लिए एक गुलदार को पकड़ा गया और यह कहा गया कि यही वह आदमखोर गुलदार है तो इसी गावं से लगे मखेत गावं के आश्रम तोक में कल 10 जून 2025 महिला की गुलदार के हमले से मौत और 30 मई को आश्रम से लगभग 7 किलोमीटर दूर श्रीमती रूपा देवी की मौत आदमखोर गुलदार ने नहीं की तो किसने की।  यदि वन विभाग यह तर्क देता है की महिलाएं झुककर खेत में काम कर रही थी और गुलदार को आसान शिकार लगा तो सभी महिलाएं खेत में काम करती हैं ऐसे में सभी को अपना निवाला बनाने में देर नहीं लगने वाली। क्यों वन विभाग इन गुलदारों के आतंक को बढ़ावा दे रहा है नहीं दे रहा तो इतनी घटनाएं होने के बाद भी आदमखोर घोषित करने और गोली मारने के आदेश क्यों नहीं दिए जा रहे। दूसरी तरफ श्रीमती रूपा देवी के बेटे का कहना है की ग्राम देवल में भाजपा के कार्यकर्ता होने के चलते उसी समय गुलदार को शूट आउट करने  मिले वही मखेत क्षेत्र में भाजपा के कार्यकर्ता होने के चलते उसी समय गुलदार को घटना के 5 घंटे के अंदर मार दिया गया पर मेरी माँ को भी गुलदार ने हमलाकर मारा है मेरी माँ के हत्यारे गुलदार को गोली मारने के आदेश न देना मेरे साथ सौतेला व्यवहार किया गया। 

सुबह से मोर्चे पर डटे आक्रोशित ग्रामीणों के साथ पूर्व ब्लॉक प्रमुख जखोली प्रदीप थपलियाल, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख चैन सिंह पंवार, पूर्व ज्येष्ठ प्रमुख नागेंद्र पंवार, पूर्व कनिष्ठ प्रमुख कवीन्द्र सिंदवाल, श्री वासुदेव टैक्सी यूनियन अध्यक्ष हरीश सिंह पुंडीर व उत्तराखण्ड आंदोलनकारी हयात सिंह राणा, महिला मंगल दल अध्यक्ष मयाली, सरोज काला, सुनीता देवी, विजय लक्ष्मी देवी, पुनिता काला, जगदेश्वरी देवी, कल्पेश्वरी देवी आदि सैकड़ों ग्रामीणों ने गुलदार के आतंक से निजात पाने के  लिए प्रदर्शन स्थल मयाली बाजार प्रतीक्षालय में सड़क को जाम कर दिया और उनकी मांग थी की विकासखंड जखोली में बाघ की घटनाओं को रोकने के लिए गुलदार को  गोली मारने के आदेश सरकार के द्वारा दिए जाएँ। 

धरनास्थल पर क्षेत्रीय विधायक के न पहुंचने पर आक्रोशित ग्रामीणों द्वारा अपना रोष जताया गया और बहुत देर तक किसी जबाबदार अधिकारी के न पहुंचने पर डीएफओ रुद्रप्रयाग, वन मंत्री सुबोध उनियाल  और रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी का पुतला दहन किया गया। गुलदारों की संख्या बढ़ने से और आदमखोर गुलदारों को इस क्षेत्र में छोड़े जाने के आरोप ग्रामीणों द्वारा लगाए गए जिसपर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। यही कारण है कि गुलदारों के द्वारा लगातार हमला करना और मौत के घाट उतारने का साहस पूर्व में की गयी घटनाओं से ही बनता है इन गुलदारों को इस क्षेत्र से हटाने के लिए लोग सड़क पर प्रदर्शन करने को मजबूर हैं। 

प्रदर्शन स्थल पर डीएफओ रुद्रप्रयाग सुश्री कल्याणी के पहुँचने पर और प्रदर्शनकारियों को वन विभाग की तरफ से घटनास्थल क्षेत्र के गावों में लगातार विभागीय शूटरों की उपस्थिति का आश्वाशन लिखित में देने पर चक्काजाम को खोला गया। 


खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇
खबर शेयर करें:

हमारे व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ें-

WhatsApp पर हमें खबरें भेजने व हमारी सभी खबरों को पढ़ने के लिए यहां लिंक पर क्लिक करें -

यहां क्लिक करें----->