सड़क को जमीदोज होने का इंतजार करता लोकनिर्माण विभाग रुद्रप्रयाग।
मयाली तिलवाडा मोटरमार्ग पर स्यालसु गदेरे ओर उससे 50 मीटर आगे का क्षेत्र भूस्खलन से प्रभावित।
गढ्ढा मुक्त सड़क बनाने की मुख्यमंत्री की घोषणा पर गुणवत्तापूर्ण युक्त कार्यों को किये जाने के इस्टीमेट बने पर काम कितना गुणवत्तापूर्ण हुआ यह जिम्मेदारी किसकी।
आखिर ऐसे भी क्या मजबूरी है जो जखोली मुख्यालय जाने वाले मार्ग ओर तिलवाड़ा से मयाली क्षेत्र के साथ घनसाली क्षेत्र को जोड़ने वाला मोटरमार्ग अनदेखी के चलते स्यालसु गदेरे ओर उससे आगे लगभग 50 की दूरी पर जमीदोंज होने के कगार पर पहुंच गया है।
इस स्थान पर पिछले यात्राकाल में बरसात के समय सड़क कई बार बन्द रही जिससे कोई भी सबक विभाग द्वारा नही लिया गया और वर्षभर बाद फिर इस सीजन की बरसात में मलबा आने से सड़क बन्द की स्थिति बनेगी। यह मार्ग जीवनरेखा मार्ग के साथ साथ गंगोत्रीधाम व यमुनोत्रीधाम से आने वाले तीर्थयात्रियों के लिए केदारनाथधाम ओर बद्रीनाथ धाम को जाने के लिए महत्वपूर्ण यात्रा मार्ग है।
यदि लोकनिर्माण विभाग रुद्रप्रयाग के द्वारा सड़को के रखरखाव को देखे तो झाड़ियों की स्थिति हो या नालियों की सब भगवान भरोसे चल रहा है।
आखिर इसका कारण क्या है यदि देखे तो जब से लोकनिर्माण विभाग ने नियमित बेलदारों की भर्ती रोककर ठेकेदारी में काम शुरू किया तब से सड़कों की हालात खराब हुई हैं जब सब काम ठेकेदार ने ही करने तो इतने लाव लश्कर की जरूरत क्यो है वो भी कोई कम्पनी या ठेकेदार कर देगा। जब डिजिटल इण्डिया हो गया तो टेण्डर ही जमा करने ऑनलाइन जमा हो जाएंगे इतनी मोटी तनखा देने की जरूरत क्या है।
सरकार की घोषणाओं पर कैसे लीपापोती होती है इसका उदाहरण देखना हो तो कुछ समय पहले घोषणा हुई थी कि गड्ढामुक्त सड़क होगीं। इस घोषणा पर कितनी गम्भीरता से काम हुआ यह किसी भी सड़क को देखकर अंदाज लगाया जा सकता है। आखिर जब इस्टीमेट गुणवत्तापूर्ण कार्य का बन रहा तो काम धरातल पर गुणवत्तापूर्ण क्यो नही होता इसके जिम्मेदार कौन हैं क्या जिम्मेदारी तय होगी।