साढ़े चार हजार देवदार व केल के बहुमूल्य पेड़ो के अवैध पातन की जांच की आंच से कई झुलसेंगे।
चकराता वन प्रभाग में साढ़े चार हजार देवदार के पेड़ों के अवैध कटान की जांच पूरी हो गई है।
कुछ का निलंबन पहले हो चुका ओर अब कई और अधिकारियों पर भी गिर सकती है गाज।
देहरादून- अवैध पातन के जिन्न ने कार्बेट नेशनल पार्क में धमाका करते हुए चकराता वन प्रभाग की कनासर रेंज में बड़े पैमाने पर देवदार के पेड़ों के अवैध कटान मामले में भी निकल कर बाहर आ चुका है।
अवैध पातन ओर बहुत अधिक संख्या में बहुमूल्य देवदार व केल के पेड़ों का अवैध पातन के चलते कई और अधिकारियों- कर्मचारियों पर यह गाज गिर सकती है। अलग-अलग स्तरों पर चल रही जांच अंतिम चरण पर है। वहीं दूसरी ओर 17 मुकदमों में न्यायालय में सुनवाई चल रही है।
मामले को देखे तो तत्कालीन उप वन संरक्षक कल्याणी द्वारा स्वयं मौके पर पहुंच कर उक्त अवैध पातन की लकड़ियों को जब्त किया था। जिसके बाद कई कर्मचारी निलंबित किये गए थे सबसे मजेदार बात ये है कि कई कर्मचारी लंबे समय से घर के नजदीक जमे हुए थे और कई मनपसंद की जगहों पर डटे हुए थे। जिसमें कई बड़े और छोटे कमर्चारियों की मिली भगत सामने आने के संकेत हैं।
वर्तमान में चकराता वन प्रभाग के उप वन संरक्षक श्री अभिमन्यु द्वारा लंबे समय से कनासर रेंज में डटे कर्मचारियों को अन्य रेंजों में तबादला करने के बाद कर्मचारियों में खलबली मची है जो कि तस्करों के गिरेबान पकडे जाने के बाद ही तस्करी में कौन शामिल था का स्पष्ट पता चल पाएगा।
वन विभाग का दावा है कि आरोपियों को सजा दिलाने के लिए न्यायालय में मजबूत पैरवी की जा रही है। तत्कालीन सहायक वन संरक्षक मुकुल कुमार के नेतृत्व में अन्य वन प्रभागों के अधिकारी-कर्मचारी और पुलिस- प्रशासन की संयुक्त टीम ने कई गांवों में लगातार एक सप्ताह से अधिक समय तक छापामारी की थी।
इस बीच तत्कालीन उप वन संरक्षक कल्याणी द्वारा स्वयं मौके से कनासर रेंज क्षेत्र के बिनसौन, मशक तथा रजाणू में देवदार के साढ़े चार हजार से अधिक अवैध स्लीपर मिले थे जिन्हें जब्त किया था व इस मामले में लापरवाही पर आधा दर्जन अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्रवाई हुई थी। वन क्षेत्राधिकारी वन दरोगा और वनरक्षकों आदि के खिलाफ निलंबन से वन विभाग में हड़कंप मच गया था।
एक वर्ष बाद अलग-अलग स्तरों पर की जा रही विभागीय जांच पूरी होने वाली है। इसके बाद अवैध कटान के मामले में संलिप्त अन्य विभागीय अधिकारी और कर्मचारियों पर भी गाज गिरनी तय मानी जा रही है।
डीएफओ चकराता अभिमन्यु ने बताया कि विभिन्न स्तरों पर चल रही कुछ विभागीय जांच पूर्ण हो गई हैं। कुछ में उच्च अधिकारियों की ओर से प्रभागीय स्तर से कुछ और जानकारी मांगी गई थी जो उपलब्ध करा दी गई है। मामले में दो दर्जन से अधिक आरोपियों पर 17 मुकदमे दर्ज किए गए थे। न्यायालय में सुनवाई चल रही है। विभाग अपनी ओर से मजबूत पैरवी कर रहा है।
देखते हैं कार्बेट नेशनल पार्क में हुए अवैध पातन में हुई कार्यवाही में बड़ी मछलियों के चलते जांच सीबीआई ओर ईडी द्वारा की जा रही है जो कि सुर्खियां बनी थी। अब देखना यह है कि चकराता वन प्रभाग के अंतर्गत हुए अवैध पातन में सिर्फ माफियाओं के तार है या किसी सफेदपोश तक भी जांच की आँच जा सकती है।