केदारनाथ उपचुनावः चुनाव की तारीख का ऐलान, प्रत्याशियों का इंतजार

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 केदारनाथ उपचुनावः चुनाव की तारीख का ऐलान, प्रत्याशियों का इंतजार।

भाजपा के लिए प्रत्याशी का चयन होगा चुनोतियों भरा ओर कांग्रेस क्या मनोज रावत पर खेलेगी फिर दावँ।

Kedarnath By Election 2024 : केदारनाथ उपचुनाव की तारीख की घोषणा होते ही चुनावी समर में कौन हो सकता है बाजीगर पर मंथन ओर रूठ रखे संभावितों को मनाने ओर छिटक जाने या छिटककर इस दल से उस दल में जाने का दौर शुरू होने को है।

केदारनाथ विधानसभा के लिए उपचुनाव की अधिसूचना 22 अक्टूबर को जारी होगी। इसके साथ ही प्रमुख राजनीतिक दलों भाजपा और कांग्रेस भी चुनावी मैदान में दो-दो हाथ करने को लगभग तैयार हैं। 

   कांग्रेस पार्टी केदारनाथ में भी बदरीनाथ उपचुनाव की कामयाबी को दोहराने की रणनीति के साथ मैदान में उतरेगी, दूसरी तरफ सत्तारूढ़ भाजपा के लिए केदारनाथ सीट प्रतिष्ठा का सवाल बताई जा रही है। क्योंकि भाजपा के पांच मंत्रियों के द्वारा लगातार इस क्षेत्र में रहना यह कहीं न कहीं केदारनाथ शीट को हॉट शीट माना गया है को लेकर तमाम कयासों के दौर ओर जननायक बनने की हार्दिक इच्छा को भी कसौटियों में कसा जाएगा।

केंद्रीय चुनाव आयोग ने मंगलवार को देश के अन्य राज्यों में उपचुनाव के साथ ही केदारनाथ विधानसभा सीट पर भी मतदान की तारीख का ऐलान कर दिया है। आयोग के मुताबिक केदारनाथ उपचुनाव की प्रक्रिया 22 अक्टूबर को अधिसूचना के साथ ही लागू हो जाएगी। संभावित प्रत्याशी 29 अक्टूबर तक नामांकन करा सकेंगे।  04 नवंबर को नाम वापसी तारीख तय हुई है। 20 नवंबर को मतदान और 23 नवंबर को मतगणना के साथ ही परिणाम घोषित किया जाएगा।

 केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव की तारीख घोषित होने से पहले ही इस सीट के लिए सियासी सरगर्मियां शुरू हो गई थी। इस सीट पर प्रमुख प्रतिद्वंदी कांग्रेस और भाजपा के ही आमने-सामने रहने की संभावना अधिक है। दोनों ही दलों ने भले ही प्रत्याशियों के नामों का ऐलान नहीं किया है, लेकिन माना जा रहा है कि पार्टियों में मंथन लगभग पूरा हो चुका है। अब प्रत्याशियों के नाम सामने आने पर रूठना ओर मनाने का दौर भी चलेगा या संगठन जिसे फाइनल करेगा उसके विरोध में आवाज़ नही उठेगी यह देखना दिलचस्प होगा।

भाजपा में जहां दिवंगत विधायक शैलारानी रावत की बेटी ऐश्वर्या रावत और पूर्व विधायक आशा नौटियाल के नामों पर खासी चर्चा व भाजपा में शामिल हुए कुलदीप रावत भी जनसंर्पक करके जनसमर्थन जुटा रहे हैं। जबकि कांग्रेस क्या फिर पूर्व विधायक मनोज रावत पर दांव खेलेगी या किसी नए चेहरे को मैदान में उतारेगी, यह अगले कुछ दिनों में साफ हो जाएगा। निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में त्रिभुवन सिंह भी ताल ठोकने को तैयार हैं।

हालांकि भाजपा के लिए जहां केदारनाथ सीट को बचाना चुनौती रहेगी, वहीं बदरीनाथ और मंगलौर उपचुनाव में जीत के बाद कांग्रेस बेहद उत्साहित है। इसके अलावा उम्मीद है कि केदारनाथ सीट पर यूकेडी भी चुनाव मैदान में उतर सकती है।

देखना यह है भाजपा द्वारा अपनी शीट को बचाने के लिए कैबिनेट मंत्रियों की फ़ौज को क्षेत्र में जनसम्पर्क हेतु नियुक्त किया गया है वही कांग्रेस अभी सुसुप्तावस्था में है वही यूकेडी इस चुनाव में कोई रुचि नही दिखा रही।

संगठन की मजबूती के हिसाब से भाजपा की तैयारियां लगभग पूरी हैं वही दूसरे दलों के द्वारा मंथन किस स्तर तक किया गया का कोई पता नही चल रहा। यह सब प्रत्याशियों के नाम सामने पर स्पष्ट होगा।

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