जंगल में घांस लेने गयी युवती की पुलिया से फिसलकर नदी में गिरने से मौत।
महिला कार्यबोझ को कम करने के नाम पर हुए सेमिनार ओर तमाम तरह से कागजी घोड़ों की उड़ान की हकीकत दिख रही कहीं महिलाएं घास काटते समय खाई में गिर रही, कहीं घास काटते समय बाघ निवाला बना रहा।
किसी को बाघ मार रहा, किसी को रीछ, रही सही कसर बंदरों ने पूरी कर दी।
सोमवार सुबह जनपद चमोली के थराली में अपनी मामी के साथ जंगल घास लेने गई युवती की नदी में लगी अस्थाई पुलिया से नदी में गिरने से मौत हो गई। इस मामले में पुलिस प्रशासन ने शव को अपने कब्जे में लेेकर अग्रिम की कार्यवाही शुरू कर दी।
प्राप्त सूचना के मुताबिक रुईसान निवासी रेनू देवराड़ी (उम्र18 वर्ष) पुत्री तारादत्त अपने प्राणमति गांव अपने ननिहाल में गई थी। सोमवार सुबह रेनू अपनी मामी के साथ घास लेने जंगल गई थी ।
सरकार की उपेक्षा के चलते प्राणमति नदी पर ग्रामीणों द्वारा बनाए गए लकड़ी के बल्लियों की अस्थाई पुलिया से रेनू ओर उसकी मामी पैदल जाते वक्त अपना नियंत्रण खो बैठे ओर दोनों नदी में गिर गए। रेनू करीब 200 मीटर दूरी तक बह गई। जबकि उसकी मामी कुछ दूरी पर ही अटक गई।
नदी में पथ्थरों से टकराने के कारण रेनू गंभीर रूप से घायल हो गई। जिसे तत्काल सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया। अस्पताल के डॉ संजय बडियारी ने बताया कि युवती को सीपीआर दिया गया। लेकिन युवती की मौत पहले ही हो गई थी।
महिला कार्यबोझ को कम करने के तमाम उपायों में घास लकड़ी ओर आजीविका के साधनों पर ध्यान रखकर योजनाएं बनानी होगी।