रुद्रप्रयाग के विकासभवन में तैनात वाहन यातायात के नियमों की धज्जियां उड़ाते हुए ।
क्या नियम सिर्फ आम आदमी के लिए हैं, या ख़ास के लिए भी कुछ हैं।
मुख्य विकास अधिकारी रुद्रप्रयाग के द्वारा प्रयुक्त वाहन की नम्बर प्लेट पर आखिर न परिवहन विभाग देखता न दैनिक वाहनों की चेकिंग करने वाली यातायात पुलिस।
जब बात यातायात के नियमों के पालन की आती है तो अक्सर देखा जाता है की बिना हेलमेट या प्रदूषण या इंश्योरेंश, लाइसेंस की कमी के चलते अक्सर दो पहिया वाहनों को यातायात के नियमों को पालन करवाने के लिए रोका जाता है जो की अच्छा भी है। वाहन से संबंधित सभी कागजातों को अद्यतन करके रखें सभी का कर्तव्य के साथ साथ जबाबदारी भी है।
अब बात आती है जब किसी बड़े अधिकारी के द्वारा प्रयोग की जा रही गाडी जो की पीले नंबर प्लेट अर्थात टेक्सी नंबर में रजिस्टर्ड गाडी है। इस गाडी की पीली पट्टी कागज से ढककर उसके ऊपर अपनी धौंस जमाने के लिए सफेद पट्टी करके नंबर को कागज पर प्रिंट करके लिखा गया हो तो यातायात के नियमों धज्जियां उड़नी स्वभाविक हैं। ऐसे भी नहीं है की यह वाहन परिवहन विभाग के जिम्मेदार की नजरों में न आया हो। क्योंकि अमूमन बैठकों में परिवहन विभाग के जनपद मुखिया भी विकासभवन के सभागार में जाते होंगे और जब नियमों की धज्जियां उड़ाते यह वाहन उनका मुँह चिढ़ाता होगा तो मजबूरी है की साहब की गाडी है वाला ध्यान आकर मन को समझाबुझाकर आगे बढ़ना मजबूरी हो जाता है।
इस वाहन का पंजीकरण देहरादून आरटीओ कार्यालय में परमिट संख्या 111/22601/STA/TAXI/AI/17 है। स्पष्ट है कि यह वाहन टेक्सी नम्बर में पंजीकृत है और परिवहन के नियमों की धज्जियां उड़ा रहा है क्या इस वाहन स्वामी के विरुद्ध कोई कार्यवाही होती है या नही देखने वाली बात होगी। वाहन पर कार्यवाही न होने को लेकर संशय इसलिए है कि कार्यवाही होनी होती तो कब की हो जाती।
यदि यह वाहन यातायात के नियमों की अवेहलना कर रहा है तो इस वाहन स्वामी पर क्या कार्यवाही की जाएगी । यह एक मामूली वाहन चालक के द्वारा पूरे सिस्टम को ताक पर रखकर इस तरह का कृत्य किया जाना कहीं न कहीं अपनी भी चलती है का दम्भ भरा है जो कि चुनोती है उस जिम्मेदार के लिए जो यातायात की व्यवस्था को देखते हैं।