जखोली के दर्जनों गाँवो मे पीलिया बिमारी का प्रकोप

नलो मे गंदा पानी आने से फैल रहा है पीलिया, जल संस्थान, ये सब जल निगम, जल संस्थान की लापरवाही का नतीजा
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 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

जखोली के दर्जनों गाँवो मे पीलिया बिमारी का प्रकोप।

नलो मे गंदा पानी आने से फैल रहा है पीलिया, जल संस्थान, ये सब जल निगम, जल संस्थान की लापरवाही का नतीजा।

आखिर कहां जाता है विभाग मे आने वाला बिलेचिंग पाऊडर।

 जखोली-विकासखंड जखोली के अन्तर्गत दर्जनो गाँवो मे विगत तीन माह से लगातार पीलिया जैसी जानलेवा बिमारी का कहर छाया हुआ हर दिन दर्जनो की तादाद मे लोग अपने इलाज के लिए पीलिया को झड़वाने के लिए कहीं दूर-दराज के गाँवो मे बैद्यो के पास जा रहे तो कुछ लोग अस्पतालों के चक्कर काट रहे हैं।

पीलिया की चपेट मे सबसे अधिक बच्चे आ रहे हैं।

जानकारी के लिए बता दे कि ग्राम 

पंचायत त्यूँखर,लुठियाग, बुढ़ना,पालाकुराली, सहित दर्जनो गाँवो मे लोग पीलिया से ग्रसित है ।

लेकिन स्वास्थ्य महकमे को अभी तक कोई खबर नही है। लोगो मे पीलिया होने का मुख्य कारण ये है कि बरसात के दिनो मे पीने के पानी मे कीड़े मकोड़े आ जाने से लोगो को पीलिया, डायरिया जैसे भयानक बिमारी का शिकार होना पड़ता है।

   पहले जल संस्थान व जल निगम के द्वारा पीने के पानी के टैंकरों मे कीड़े मकोड़े मारने हेतू बिलेचिंग का प्रयोग किया जाता था, लेकिन न जाने अब वो बिलेचिंग कहाँ गायब हो गया हाँ इतना जरूर है कि बिलेचिंग गाड, गदेरो मे मछलियों को मारने हेतू जरूर लाया जा रहा है। 

  बरसात के मौसम मे गाँवो मे जहरीले कीटों को मारने लिए भी स्वास्थ्य विभाग द्वारा गाँवो मे बिलेचिंग पाऊडर डाला जाता था, लोगो को पीने के पानी मे डाल़ने के लिए कलोरीन की गोलियां दी जाती थी लेकिन स्वास्थ्य विभाग द्वारा अब उनका वितरण भी नही किया जा जाता है।

वही पालाकुराली की प्रधान श्रीमती कमला देवी राणा पूर्व क्षेत्रपंचायत सदस्य श्रीमती लौंगा देवी पंवार, सामाजिक कार्यकर्ता सुभाष सिह राणा, जितेन्द्र नैथानी ने कहा कि जल संस्थान, जल निगम द्वारा पीने के पानी मे बिलेचिंग न डालना घोर लापरवाही है, जिस कारण से बरसात मे पाईप लाईनो मे गंदा पानी आने के कारण लोगो को पीलिया का शिकार होने पड़ रहा है।

    स्वास्थ्य विभाग भी अपने दाहित्वो का भी पूरी तरह से निर्वाहन नही कर रहा है गाँवो मे दवाइयों, बिलेचिंग का छिड़काव नही कर रहा है, जनप्रतिनिधियों का कहना है कि इन सब चीजों के लिए विभागों मे सरकार से लाखो का बजट आया है आखिर फिर वो धनराशि कहाँ चले थाती है इसका कोई पता नही है।

  अगर समय समय पर पीने के पानी मे बिलेचिंग डाला जाता व गाँवो मे स्वास्थ्य विभाग द्वारा दवाईयों का छिडकाव किया जाता तो शायद लोग आज पीलिया से पीड़ित न होते।  उन्होंने प्रशासन से यथाशीघ्र प्रशासन से पानी के टैंकों ग्राम पंचायतों को बिलेचिंग पाउडर उपलब्ध कराने की मांग की है।

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