रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।
विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर छात्र/छात्राओं ने किया वृक्षारोपण सहित चलाया स्वच्छता अभियान।
छात्रो ने वृक्षारोपण कर पर्यावरण के प्रति लोगों को किया जागरूक।
पैंनखण्डा इंटर कालेज सलूड़ डूंग्रा के छात्र छात्राओं द्वारा भविष्य बद्री का शैक्षिक भ्रमण किया गया । विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून के उपलक्ष्य में छात्र छात्राओं द्वारा भविष्य बद्री में वृक्षारोपण एवं स्वच्छता कार्यक्रम चलाया गया। विद्यालय के वरिष्ठ शिक्षक राकेश फरस्वाण के नेतृत्व में छात्र छात्राओं के दल ने मंदिर परिसर में सफाई अभियान चलाया इस मौके पर राकेश
फरस्वाण ने पर्यावरण दिवस के महत्व को बताते हुए कहा कि पर्यावरण के प्रति लोगों को जागरूक करने, प्रकृति और पर्यावरण का महत्व समझाने के उद्देश्य से हर साल विश्व पर्यावरण दिवस मनाते हैं।
शैक्षिक भ्रमण के कार्यक्रम अधिकारी सतेंद्र कुमार ने छात्रों को बताया कि इस साल थीम का फोकस हमारी भूमि नारे के तरह भूमि बहाली, मरुस्थलीकरण और सूखे पर केंद्रित है
एन सी सी अधिकारी मदन मोहन जोशी ने कहा कि अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो आपने देखा होगा कि लोग पहाड़ों और नदियों वाली जगह घूमने जाते हैं और वहां कूड़ा-कचरा फेंक देते हैं. जिनमें प्लास्टिक सबसे ज्यादा पर्यावरण को नुकसान पहुंचाता है. इसलिए पर्यावरण को बचाने के लिए सबसे पहले खुद जागरूक होने और अपने आप में बदलाव लाने की भी जरूरत है
स्काउट गाइड अधिकारी आशीष मिश्रा ने कहा कि अगर हर एक व्यक्ति पौधे लगाना, वाहनों का इस्तेमाल कम करना, पानी बचाने से लेकर कई छोटे-छोटे कदम उठाकर आगे बढ़ेगा और पर्यावरण की रक्षा करने की जिम्मेदारी उठाएगा तो इन छोटे-छोटे प्रयास से पर्यावरण को सुरक्षित रखा जा सकता है
नोडल अधिकारी ओम प्रकाश ने कहा कि विश्व पर्यावरण दिवस एक वैश्विक आयोजन है, जिसे प्रत्येक वर्ष 5 जून को पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र का पर्यावरण के लिए विश्वव्यापी जागरूकता एवं कार्रवाई को बढ़ावा देने का मुख्य माध्यम है।
सहायक कार्यक्रम अधिकारी राजेश तिवारी ने कहा कि इस दिन का उत्सव हमें पर्यावरण के संरक्षण और संवर्धन में व्यक्तियों, उद्यमों और समुदायों द्वारा जागरूकता एवं उत्तरदायी आचरण के लिए आधार को व्यापक बनाने का अवसर प्रदान करता है। विद्यालय के छात्र छात्राओं द्वारा वृक्षारोपण और सफाई अभियान की मंदिर प्रशासन एवं दर्शन हेतु आये हुए श्रद्धालुओं द्वारा मुक्तकंठ से सराहना की गई।