क्या मोमोज आपकी जिंदगी बर्बाद कर रहा है।
स्टीमर में उबलते मोमोज हमारे शरीर को कितना नुकसान पहुंचा रहा है इसकी कल्पना निरन्तर हो रहे शारीरिक नुकसान को लेकर किया जा सकता है।
पाश्चात्य संस्कृति को अपनाकर हम आधुनिक बन पायें की होड़ ओर घरों में फास्ट फूड के नाम पर परोसा जा रहा मैदा से बना खाद्यय नूडल्स, मोमोज आदि स्टेटस का प्रतीक बनने के बाद आज दैनिक जीवन में किस तरह समा गया है यह गली नुक्कड़ पर सिल्वर के स्टीमर में उबलते मोमो ओर बनावटी सूप के दीवानों की दीवानगी देखकर पता चलता है।
शाम ढलते ही आजकल गली मोहल्लो के नुक्कड़ मार्केट पर चाइनीज आइटम के नाम से बिकने वाले सिल्वर के स्ट्रीमर में उबलते हुए मोमोज जिसे तीखी लाल मिर्च की चटनी के साथ खाते हुए युवा किशोर आपको भारी संख्या में दिख जाऐंगे। क्या यह मासूम ये जानते हैं कि मोमोज खाकर अपने स्वास्थ्य को किस कदर बर्बाद करने पर लगे हैं यह उनके माता पिताजी भी नही समझ पा रहे यह जिद किस तरह जिंदगी पर भारी पड़ रही है और पड़ेगी यह आने वाले समय मे स्वयं को असहाय पाकर आंकलन करने से पता चलेगा।
गेंहू से प्रोटीन और फाइबर निकाल कर तैयार मैदे से बने मौमोज को तैयार करने के लिए प्रयोग किये जा रहे मैदे में स्टार्च मृत होता है। बिना फाइबर ओर स्टार्च के खाद्य सामग्री हमारे यहां के वातावरण के लिए उपयुक्त नही है यह शोध बताते हैं। इससे भी बड़ी बात यह है कि मोमो में चमक के लिए बेंजाइल पराक्साइड मिलाया जाता है जो कि रासायनिक ब्लीचर है। इस ब्लीचर से चेहरे की सफाई की जाती है और शरीर की किडनियों के लिए घातक है यह अत्यधिक नुकसान किडनियों को पहुंचाता है जिससे किडनियों से सम्बंधित बीमारियों की अधिकता नित प्रति बढ़ रही है।
मैदे से बने खाद्यय पदार्थों को खाने से प्रायः पेट में ऐठन या भारीपन होना सामान्य लगता है इसका कारण मैदे के प्रोटीन रहित होने से मैदे की प्रकृति अम्लीय हो जाती है यह आहार के रूप में शरीर में जाकर हड्डियों से कैल्शियम को सोख लेता है। तीखी लाल मिर्च उतेजक होती है और लाल मिर्ची की चटनी उत्तेजक का काम करती है, जिससे यौन रोग, धातु रोग नपुंसकता जैसी महा भयंकर बीमारियां देश के किशोर व युवा को खोखला कर रही है। यह बीमारियान युवाओं में आम हो रही हैं इसका कारण हम जानते हुए भी निरन्तर जीभ के स्वाद के चक्कर में मैदे से बने हुए सामग्री को खाने के लिए बाध्य हो रहैं हैं।
पूर्वी एशियाई देशों चीन तिब्बत का प्रसिद्ध खाना मौमोज है। चीन तिब्बत की जलवायु के वातावरण में मौमोज अनुकूल है। जबकि भारत की गर्म जलवायु के यह अनुकूल नहीं है। बच्चों में होने वाला चिढ़चिढ़ापन, योन समस्याएं ओर किडनियों की समस्या का समाधान तभी हो पायेगा जब हम इन खाद्यय पदार्थ को खाने से रोकेंगे।
हम संकल्प ले कि अपने भारतीय परिवेश के खाने को वरीयता दें। जिसमें मोटा अनाज और प्राकृतिक सब्जियों को अपने भोजन में सम्मिलित करके अपने परिवार का स्वास्थ्य समृद्ध रखें।


