स्वतंत्रतासंग्राम आन्दोलनकारी श्री बच्चनराम गैरोला के मन्दाकिनी विकास खण्ड स्थापित स्मारक पर खण्ड विकास अधिकारी की मौजूदगी में परिजनों ने की पूजा अर्चना सहित माल्यापर्ण।
अगस्त्यमुनि-जनपद रुद्रप्रयाग के विकास खण्ड अगस्त्यमुनि में ग्राम कण्डारा श्री आत्माराम गैरोला के घर जन्में शहीद आन्दोलन कारी बच्चनराम गैरोला जी बचपन से ही देश भक्ति के प्रति समर्पित रहे। उन्होंने अपनी मैट्रिक पढाई के बाद अंग्रेजी हुकूमत के विरोध में श्री बच्चनराम गैरोला जी महात्मा गाँधी जी के संपर्क में आकर गाँधी जी के नेतृत्व में सन् 1942 में अग्रेजो भारत छोडो आन्दोलन में शरीक होकर सन् 1947 तक कई बार जेल गये अंग्रेजों द्वारा नजरबंद कर प्रताडित किया गया जिससे उन्हें शारीरिक विकलांगता का कष्ट भी झेलना पड़ा।
शहीद आन्दोलनकारी श्री बच्चनराम गैरोला जी के पुत्र श्री सतीश गैरोला जी ने अपनी शिक्षा विभाग की राजकीय सेवा निवृत्त के मौके पर आज अपने स्व0 पिताजी के मन्दाकिनी विकास खण्ड मुख्यालय परिसर में स्थापित शहीद स्मारक की पूजा कर सपरिवार माल्यार्पण कर उनको पुष्प अर्पित कर श्रद्धापूर्वक श्रद्धांजलि समर्पित की ।
इस अवसर पर खण्ड विकास अधिकारी मन्दाकिनी श्री प्रवीण भट्ट ने शहीद स्मारक पर गैरोला परिजनों संग शहीद आन्दोलनकारी बच्चनराम गैरोला जी को श्रद्धापूर्वक पुष्प अर्पित कर माल्यार्पण किया और कहा कि मन्दाकिनी विकास खण्ड के अन्तर्गत ऐसे महापुरूषों का जन्म लेना हम सबको गौरन्वावित करता है और हम सभी को ऐसे दिव्य आत्माओं को समय-समय पर याद कर समाज को राष्ट्र प्रेम के प्रति जागरूक करना चाहिए।
आजादी के बाद श्री बच्चनराम गैरोला जी के अथक प्रयासों से शिक्षा के क्षेत्र में मंदाकिनी घाटी में एक अलख जगी, जिसके फलस्वरूप आज गणेशनगर इण्टर कालेज स्थापित हुआ वहीं संचार के क्षेत्र में चन्दरापुरी में पोस्ट आँफिस तथा कण्डारा में पोस्ट आँफिस खुलवाये गये। शहीद आन्दोलनकारी बच्चनराम गैरोला आजादी के आन्दोलन में सक्रिय रहे वहीं पत्रकारिता के क्षेत्र में कर्मभूमि, देवभूमी, सत्यपथ समाचारपत्र में भी अंग्रेजों के खिलाफ लिखकर देश के युवाओं को देश की आजादी के प्रति जागरूक करने में अपना योगदान दिया।
सामाजिक कार्यकर्ता कालीचरण रावत ने शहीद स्मारक पर माल्यार्पण कर कहा कि हम सभी को आज अपने ऐतिहासिक इतिहास को ऐसे महापुरूषों की जीवन गाथा के माध्यम से समाज के बीच मैं ले जाकर नयी पीढ़ी को भी रूबरू कराना चाहिए। विद्यालय में अध्ययनरत छात्र/छात्राओं को ऐसे पुण्य आत्माओं के स्मारक पे लाकर इनके द्वारा राष्ट्र के लिए दिये योगदान से परिचित कराना होगा
इस मौके पर श्री शहीद गैरोला, श्रीमती शुशीला गैरोला, श्री परमानन्द गैरोला, अनसुल गैरोला, विजिया सेमवाल आदि लोग उपस्थित रहे


