पोस्टर से सन्देश या भितरघात से फिर घिर रही कांग्रेस

पोस्टर से सन्देश या भितरघात से फिर घिर रही कांग्रेस,आखिर क्यों गायब है पोस्टर से पूर्व विधायक मनोज रावत का नाम
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पोस्टर से सन्देश या भितरघात/अंतर्कलह से फिर घिर रही कांग्रेस।

पोस्टर से पूर्व विधायक मनोज रावत का नाम गायब।

क्या ऐसे पोस्टर संगठन से चर्चा कर लगाए जाते हैं या जिसके जो मन मे आया लगा दिया।

आखिर क्यों गायब है पोस्टर से पूर्व विधायक मनोज रावत का नाम।

कांग्रेस पार्टी में आंतरिक घमासान ओर गुटबाजी अब इस बार फिर सामने आने लगी है, जैसे कभी हरिद्वार में चुनाव पर बयानबाजी, इस बार चुनाव को लेकर नही बल्कि पोस्टर पर प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा के जन्मदिन की शुभकामनाओं वाले पोस्टर से पूर्व विधायक मनोज रावत का नाम गायब होना चर्चा का विषय है।

मामला किसी छोटे कार्यकर्ता के द्वारा लगाए गए बैनर से नही अपितु रुद्रप्रयाग के जिलाध्यक्ष कुंवर सजवाण के द्वारा दी गयी बधाई संदेश वाले पोस्टर से मनोज रावत का नाम गायब होना कहीं न कहीं अंतर्कलह के चलते ये सब हुआ की चर्चाएं हो रही हैं।

   क्योंकि मनोज रावत उस समय विधायक रहे हैं जब मोदी की आंधी के आगे अच्छे अच्छे नही टिक पाए और एक नया चेहरा जिसे लोग बहुत कम जानते थे उसने बाजी मारी थी यह बाजी तब एक मजबूत स्तम्भ माना जाने लगा था कि कांग्रेस का एक मजबूत चेहरा सामने आया है।

विधानसभा चुनाव में भी जनपद रुद्रप्रयाग की दो सीटों पर कांग्रेस प्रत्याशियों को भितरघात का सामना करना पड़ा, केदारनाथ विधानसभा से ठीक चुनाव के समय कार्यकर्ताओं का कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में शामिल होना व संगठन स्तर पर की गई तैयारियां कहीं न कहीं भीतर घात के चलते अधूरी रही जिसका नजीता  रुद्रप्रयाग विधानसभा में कॉंग्रेस के घोषित प्रत्याशी प्रदीप थपलियाल के नाम की घोषणा होते ही कांग्रेस पार्टी में भितरघात के नजारे सबने देखे किस तरह से विरोध हुआ के रूप में सामने आया ।

केदारनाथ विधानसभा सीट रुद्रप्रयाग जनपद में आती है। 2017 में केदारनाथ में कुल 24.74 प्रतिशत मतदान हुआ था। 2017 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से मनोज रावत ने स्वतंत्र प्रत्याशी कुलदीप सिंह रावत को 869 वोटों के मार्जिन से हराया था।

यह वह समय था जब देश मे मोदी तरह की आंधी में जमीन से जुड़े नेता भी चुनाव हार गए थे उस दौर में कांग्रेस पार्टी से विधायक बनना वह भी केदारनाथ विधानसभा से जहां त्रिकोणीय मुकाबला था इस मुकाबले में बाजी मारना इतना आसान नही था।

कांग्रेस संगठन को चाहिए कि अगले आने वाले चुनाव में अपनी जमीन को मजबूत किस तरह से किया जाए के लिए रणनीतिकारों को इस तरह से नजरअंदाज न किया जाए जैसे किया गया है।

पूर्व विधायक मनोज रावत के समर्थकों ने इस बात को गम्भीरता से लिया और इसकी शिकायत प्रदेश के संगठन से की है जिसमें उन्होंने अपना रोष व्यक्त करते हुए कहा कि जिस नेता की छवि राष्ट्रीय स्तर तक अच्छी बनी है उस नेता का इस तरह से अनदेखा किया जाना सही नही है।

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