उद्यान निदेशक हरमिंदर बावेजा क़ो सीएम धामी ने किया निलम्बित।
भ्रष्टाचार पर कड़ा प्रहार नही बख्शे जाएंगे व्यवस्था को बिगाड़ने वाले।
सत्ता का इकबाल विवादित ओर भ्रष्टाचारियों पर हुई कार्यवाही से जगी उम्मीद।
जो कदम बहुत पहले उठना चाहिए था वह कदम सीएम धामी ने अपनी बात पर मुहर लगाते हुए उठाया यही चाहती है आम जनता।
आम नागरिक इन्ही मठाधीशों के कारण लाभ लेने से वंचित होते रहें हैं सीएम धामी ऐसे मठाधीशों को बाहर का रास्ता दिखाएंगे यह उम्मीद हर उतराखंडी की है।
उद्यान विभाग के चर्चित निदेशक हरमिंदर बवेजा को सीएम धामी की धमक के चलते सस्पेंड होना पड़ा। इस मठाधीश की शिकायत आज से नही है हर उद्यान विभाग वे जानकार जानते हैं कि कितनी चलती थी हरमिंदर की।
मुख्यमंत्री धामी ने इस कार्रवाई से स्पष्ट संकेत दिए हैं कि व्यवस्था में भ्रष्टाचारियों के लिए किंतु परन्तु की कोई गुंजाइश नहीं है हरमिंदर बावेजा पर कई आरोप लगे हैं। जिनकी जांच के साथ साथ इनकी सम्पत्ति की भी जांच होना जरूरी हैं क्योंकि दीमक की तरह व्यवस्था को अंदर ही अंदर खोखला करने में ऐसे लोग कोई गुरेज नही करतें हैं।
हरमिंदर बवेजा को बड़े राजनीतिज्ञ का करीबी माना जाता है। इसका कारण यह भी है कि पूर्व में भी उद्यान निदेशक बवेजा पर कार्रवाई की बात हुई लेकिन बात आई और गयी हर बार बच निकले बावेजा।
तमाम हथकंडे अपनाने ओर तु डाल डाल में पात पात के खेल में माहिर बावेजा को अबकी बार सीएम धामी ने दाब लिया ओर वह कर दिया जिसकी मांग सबकी जुबान पर था।
उद्यान विभाग के निदेशक हरमिंदर बवेजा पर कई आरोप लगे हैं। उद्यान विभाग की तमाम योजनाओं को लेकर उन पर सवाल खड़े होते रहे हैं। सूत्रों की मानें तो उद्यान निदेशक के खिलाफ विभिन्न स्रोतों से मिल रही शिकायतों के आधार पर यह एक्शन लिया गया है। बताया गया कि बवेजा की शासन स्तर पर भी जांच चल रही थी लेकिन यह ठंडे बस्ते में पड़ी थी। अब मुख्यमंत्री धामी ने इस मामले में बड़ा कदम उठाते हुए बवेजा को निलंबित करने के निर्देश जारी कर दिए हैं।
हमने पहले भी उद्यान विभाग की कारस्तानी को लेकर खबरें प्रकाशित की थी।
पहली खबर-
भ्रामक फल उत्पादन आंकड़ों के सहारे कैसे होगा सही नियोजन
दूसरी खबर-
कश्मीरी मजदूरों से सेब ओर अखरोट के बीजू पौधों पर बंधवाए जा रहें हैं ग्राफ्ट।
तीसरी खबर-
उद्यान निदेशालय को देहरादून से संचालित करने पर उठायी आपत्ति।
उत्तराखंड में भ्रष्टाचार के खिलाफ मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुहिम छेड़ी हुई है ओर यह मुहिम रंग भी लायी। कुछ दिन पहले ही आईएएस रामविलास यादव जो कि सपने दिखाने में माहिर थे अपनी जय जयकार करवाने में माहिर थे रामविलास यादव को जेल भेजकर पुष्कर धामी ने स्पष्ट संदेश दे दिया कि भ्रष्टाचार में लिप्त किसी भी कार्मिक को बख्शा नहीं जाएगा।
रामविलास यादव को जेल भिजवाने के बाद अब हरमिंदर बवेजा के खिलाफ सख्त कार्यवाही को लेकर धामी ने बता दिया कि व्यवस्था के खिलाफ चलने वाले के लिए उत्तराखंड में कोई जगह नहीं है।
भ्रष्टाचार को जड़ से मिटाने के लिए मुख्यमंत्री धामी के द्वारा शानदार पहल की गई है भ्रष्टाचार निवारण के लिए प्रदेश में 1064 हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। इस मुहिम के तहत यदि किसी भी सरकारी विभाग में कोई कर्मचारी, अधिकारी आम जनता से किसी भी तरह की रिश्वत मांगता है तो 1064 टोल फ्री नंबर पर कॉल कर शिकायत की जा सकती है। शिकायत करने वाले का नंबर गुप्त रखा जाएगा। भ्रष्टाचार की शिकायत पर बेहद सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसके लिए जांच एजेंसियों को खुली छूट दी गई है। सभी विभागों में भी 1064 के बोर्ड लगा दिए गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर धामी ने स्पष्ट किया कि विभागों में घूसखोरी, सुविधा शुल्क आदि, जनहित के कार्यों में रिश्वत मांगने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। ऐसे भ्रष्ट पर सीधी कार्रवाई की जाएगी। कर्मचारी छोटा हो या कोई बड़ा अफसर, किसी को भी भ्रष्टाचार की छूट नहीं दी जाएगी। सभी सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों को पूरी ईमानदारी और पारदर्शी तरीके से काम करना होगा।
उत्तराखण्ड पहले ही पलायन से जूझ रहा है इसका कारण तंत्र का पहाड़ के प्रति कोई स्पष्ट नीति न होना और नियंताओं के द्वारा दीमक की तरह खोखला करना रहा है। सत्ता का इकबाल कैसे होता है यह कर दिखाया है सीएम धामी ने यही क्रम निरन्तर जारी रहे यह आशा और विश्वास आम जनता का अपने मुखिया से है।




