गढ़वाल ब्यूरो
आम आदमी की नजरों में क्या साख बनी यह सड़कछाप टाइप की हरकत ने बता दिया।
लोकतंत्र लोक से शर्म ओर हया पर टिका हुआ है जहां लोक से शर्म ओर हया हटी वही लोकतंत्र का कोई अर्थ ही शेष नही रहता।
यदि सड़क पर जाम हो और आपको जाम के झाम से परेशानी है तो हेलीकॉप्टर या जहाज खरीद कर चलो इतनी ही अकड़ है तो।
देहरादून :- उत्तराखंड में डबल इंजन की सरकार के वित्त मंत्री की हनक होना और सरेराह युवा को कूटपीसकर चलता बनना डबल इंजन सरकार में होने की गर्मी दिखाता है।
सबसे बड़ा सवाल मंत्री जी को गाड़ी से उतरने की जरूरत क्या आन पड़ी जब सुरक्षा कर्मी है तो, सुरक्षा कर्मी को किनारे करके खुद पिल पड़े तो ऐसे आदमी की सुरक्षा किसलिये। जो खुद जंग के मैदान में उतरकर सुरक्षा कर्मी को हटाकर ओर खुद ही युद्ध लड़ने को तैयार हो।
आजतक इतनी बार खबरें मंत्री प्रेमचंद के लिए उठी पर सरकार की क्या मजबूरी है इन्हें मंत्री पद देंने और चुनाव लड़वाने की।
मुख्यमंत्री धामी जी के द्वारा तलब करना एक अच्छे मुखिया की भूमिका है जो आशा बांधता है कि न्याय होगा।
मंगलवार लगभग डेढ़ बजे के करीब कोयलघाटी में दिव्यांग स्कूल के सामने जाम की स्थिति बनी थी। क्योंकि सड़क के किनारे खुदे हुए हैं विकास के नाम पर। यह विचार नीतिनियन्ताओं को क्यों नही आया कि यात्राकाल के समय पर सबसे ज्यादा दबाब ऋषिकेश में रहता है तो सड़कों को यात्राकाल से पहले सही किया जाय, सड़क ठीक करने का काम जो हुआ नही इसके कारण जाम की स्थिती बनी है।
दोपहर को जब मंत्री जी काफिला गुजर रहा था तो अचानक सड़क पर हाईबोल्टेज ड्रामा शुरू हुआ और दोनों तरफ दर्शक बने लोगों ने विडीओ शूट करना शुरू कर दिया। अचानक मंत्री जी गाड़ी से उतरते ओर थपड्ड शुरू।
अब सवाल है की लोकतंत्र लोक की शर्म ओर हया पर टिका हुआ है क्योंकि जबाबदेही है लोक के प्रति तो लोक की ही कुटाई पिसाई कर रहे हो जिसनें आपको वो सब दिया जो आपका अभीष्ट है तो ये लोकतंत्र के साथ भद्दा ओर घिनोना मजाक ही कहा जा सकता है।
सरकार को चाहिए कि ऐसे मंत्री को तुरन्त बर्खास्त करके जो सड़क चलते गुंडागर्दी पर उतर आता हो को सबक सिखाने की कार्यवाही करे। मोदी जी के नाम पर आपको सत्ता मिली है न कि आपकी खुद की बदौलत। युवा मुख्यमंत्री से जनता की आशा और अपेक्षाएं ज्यादा हैं ओर धामी जी को ऐसे निर्णय लेने पड़ेंगे जो जनता की मांग है।