नशे की सार्वजनिक नुमाइश न हो कि मुहिम उतरने लगी जमीन पर

विकासखण्ड जखोली के 40 महिलामंगल दल/कीर्तन मण्डलियों ने अपने सरंक्षक भूपेन्द्र भण्डारी के साथ "नशे की सार्वजनिक नुमाइश पर करें वार आओ मिलकर करें शुरुवा
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 नशे की सार्वजनिक नुमाइश न हो कि मुहिम उतरने लगी जमीन पर।

सिर्फ हँगामा खड़ा करना मेरा मकसद नही, मेरी कोशिस तस्वीर बदलनी चाहिए।

हिन्दू नववर्ष के पावन अवसर विकासखण्ड जखोली के 40 महिलामंगल दल/कीर्तन मण्डलियों ने अपने सरंक्षक भूपेन्द्र भण्डारी के साथ "नशे की सार्वजनिक नुमाइश पर करें वार आओ मिलकर करें शुरुवात" की सार्थक और पहाड़ी क्षेत्रों में नशे के बढ़ते चलन से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने में अपना योगदान देने की अनुकरणीय पहल की है।

इस मुहिम में जखोली निवासी ओमकारानन्द इंटरमीडियट कॉलेज की शिक्षिका श्रीमती शुशीला मेवाड़ द्वारा सत्याग्रही बनकर समाज के लिए मिशाल बनकर नशे पर वार की सफल पहल अपने सेवानिवृति के मौके पर सामूहिक भोज मे आथित्य सत्कार में बिना शराब परोसे की है।

आखिर इस संकल्प  की शुरुआत के लिये जखोली गॉंव को ही क्यों चुना.....?

जानिये...... यह अदभुत संयोग है कि जखोली गॉंव की सीमा निर्धारण कोई दीवार/ मुंडारा नहीं बल्कि  एक पहरेदार की भांति स्वयं माँ सरस्वती करती है।

गॉंव की सीमा से सटकर चारों दिशाओं में राजकीय महाविद्यालय जखोली, प्रसिद्ध व प्राचीन राजकीय इण्टर कॉलेज रामाश्रम, राजकीय पॉलिटेक्निक जखोली व नागेन्द्र इण्टर कॉलेज स्थित हैं।

 यह भी अदभुत संयोग है कि प्रथम सत्याग्रही बनी श्रीमती सुशीला मेवाड़ इसी गांव की निवासी हैं, महिला होने के साथ ही एक शिक्षिका भी हैं, आपके स्व० पति जयेन्द्र मेवाड़ भी प्रधानाचार्य थे व दोनों बेटियाँ भी शिक्षिका हैं।

माँ सरस्वती की असीम कृपा  इस गाँव पर है। कई उच्च अधिकारियों/ शिक्षकों,सैन्य अधिकारियों सहित  प्रधानचार्य क्रमशः धूम सिंह चौहान, बिजेन्द्र सिंह नेगी, सुनीता नेगी,शैलेश मटियानी सम्मान प्राप्त शिव सिंह रावत, स्व० जयेन्द्र मेवाड़ व गब्बर लाल भी इसी गाँव से हैं। संभागीय परिवहन अधिकारी कवि हृदय अनिल नेगी जी इसी गाँव से हैं।

श्री भूपेंद्र भण्डारी से इस सम्बंध में वार्ता करने पर कहा गया कि यह मेरा भी सौभाग्य है कि अदनी से राजनैतिक हैसियत लिये मैं भी इस गॉंव का प्रतिनिधित्व कर रहा हूँ।

हमारा प्रयास आज सामाज में शराब का प्रचलन चाहे वह स्टैटस सिम्बल के रूप में हो या आदतन हो बहुत व्यापक स्तर पर हो गया है। समूल नष्ट करने की बात करना जल्दबाजी व  बेमानी होगी।

" शराब एक सामाजिक बुराई है, इस बुराई की किसी भी मांगलिक व शुभ अवसर पर सार्वजनिक नुमाइश न  की जाय....."

सर्वप्रथम शुरआत टीम पिन्टू भाई की सदस्य 40 कीर्तन मण्डली से जुड़ी 500 सत्याग्रही बहिनों द्वारा स्वयं से की जायेगी।

 इस मुहिम की प्रथम सत्याग्रही बनी सुशीला मेवाड़ जी द्वारा सभी उपस्थित अथितियों को माँ सरस्वती की प्रतिमा भेंट की गयी।

टीम पिन्टू भाई के संरक्षक रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी  द्वारा प्रथम सत्याग्रही बनी सेवानिवृत्त शिक्षिका सुशीला मेवाड़ जी को दुर्गा की उपाधि देते हुए माँ दुर्गा की प्रतिमा सम्मान स्वरूप भेंट की गयी।

टीम पिन्टू भाई की इस अनोखी पहल का  विदाई समारोह में उपस्थित टिहरी जिलापंचायत अध्यक्ष श्रीमती सोना सजवाण, रुद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी, देवप्रयाग विधायक विनोद कण्डारी, जखोली ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल, पूर्व जखोली ब्लॉक प्रमुख व प्रोफेसर गढ़वाल केन्द्रीय विश्वविद्यालय डॉ० महावीर नेगीज, ओमकारानन्द हिमालयन मांटेसरी इण्टर मीडिएट कॉलेज जखोली की प्रधानाचार्य अमिता नेगी , शिक्षाविद ललिता प्रसाद भट्ट सहित उपस्थित सभी महानभावों द्वारा सराहना की गयी।

इस मुहिम को सभी का साथ चाहिए और नशा मुक्त पहाड़ की संकल्पना को अपना कर्तव्य समझकर हमे अपने स्तर से प्रयास करके समृद्ध और हिमालय जैसे गौरवशाली रक्षक की तरह अपने स्वाभिमान को पुनः पाना है।

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