3 मई को हरिद्वार से शूरु होगी जगदीशीला डोली रथयात्रा

24वीं श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथयात्रा का 3 मई हरिद्वार से शुभारंभ होगी। यात्रा संयोजक पूर्व शिक्षा मंत्री श्री मंत्री प्रसाद नैथानी व नागेन्द्र
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 रामरतन पवांर/जखोली।

3 मई को हरिद्वार से शूरु होगी जगदीशीला डोली रथयात्रा।

जखोली। 24वीं श्री विश्वनाथ जगदीशिला डोली रथयात्रा का 3 मई  हरिद्वार से शुभारंभ होगी। यात्रा संयोजक पूर्व शिक्षा मंत्री श्री मंत्री प्रसाद नैथानी व नागेन्द्र इंका बजीरा लस्या के प्रधानाचार्य शिव सिंह रावत ने बताया है कि 29 दिवसीय यह देव दर्शन यात्रा उत्तराखण्ड़ के विश्व प्रसिद्ध चारधामों सहित विभिन्न जिलों में 2200 देवालयों की देव दर्शन यात्रा पर निकलेगी। 

10500 किलोमीटर की यह यात्रा विश्व शांति, संस्कृत भाषा के उन्नयन, धाम चिह्निकरण, पर्यावरण संरक्षण, उद्यानीकरण, पवित्र धामों से प्लास्टिक एवं पालीथिन प्रतिबंध के लिए जागरूकता अभियान के लिए निकाली जा रही है। 

     शनिवार को पत्रकार वार्ता के दौरान यात्रा के संयोजक मंत्री प्रसाद नैथानी ने बताया कि हर वर्ष श्री विश्वनाथ जगदीशिला तीर्थाटन समिति की ओर से पूरे उत्तराखंड में डोली रथयात्रा निकाली जाती है। उन्होंने बताया कि इस बार

 2 मई को टिहरी जिले के विशोन पर्वत से रायवाला आएगी। 3 मई को यात्रा की शुरुआत हरिद्वार से होगी। पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी ने कहा है कि डोली रथयात्रा  हरिद्वार से इस बार पहले कुमाऊं मंडल व फिर गढ़वाल के चारों धाम सहित विभिन्न जिलों में यात्रा करेगी। 

उन्होंने बताया कि 3 मई को डोली हरिद्वार से काशीपुर रात्रि विश्राम करेगी। 

4 मई को काशीपुर से रामनगर।

 5 मई को रामनगर से हल्द्वानी डोली रात्रि विश्राम करेगी।

 6 मई को हल्द्वानी से नैनीताल रानीखेत और अल्मोड़ा में रात्रि विश्राम।

7 मई को अल्मोड़ा से चंपावत।

 8 मई को चंपावत से पिथौरागढ़ डीडीहाट।

9 मई को डीडीहाट से बागेश्वर।

10 मई को बागेश्वर से बाण देवता लाटू रात्रि विश्राम।

11 मई को बाण गांव से गंगेश्वर धाम गावांली गैरसैंण रात्रि विश्राम।

12 मई को गंगेश्वर धाम से लवणेश्वर धाम मंदिर लूणतरा।

13 मई को लूणतरा से श्री कमलेश्वर महादेव मंदिर श्रीनगर में रात्रि विश्राम करेगी।

 14 मई को श्रीनगर से देवप्रयाग मधुबन आश्रम कैलाश गेट मुनिकीरेती।

15 मई को मधुबन आश्रम से देहरादून नवादा पूर्व मंत्री मंत्री प्रसाद नैथानी के आवास पर रात्रि विश्राम करेगी।

 16 मई को देहरादून से पुरोला।

17 मई को पुरोला से यमुनोत्री बड़कोट।

18 मई को बड़कोट से गंगोत्री धाम।

19 मई को गंगोत्री से उत्तरकाशी लम्बगांव।

20 मई को लम्बगांव से घनसाली होते हुए श्री नागेन्द्र देवता व शिवदेई मंदिर बजीरा लस्या में रात्रि विश्राम।

21 मई को बजीरा से गौरीकुंड।

22 मई को गौरीकुंड से केदारनाथ धाम में डोली यात्रा रात्रि विश्राम करेगी। 

23 मई को श्री केदार धाम से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ।

24 मई को श्री बद्रीनाथ धाम मंदिर।

25 मई को बद्रीनाथ धाम से इन्द्रासणी मंदिर कण्डाली।

 26 मई को श्री नीलकंठेश्वर महादेव मंदिर बहेड़ा।

27 मई को बहेड़ागांव से ढ़ुग बजियालगांव।

28 मई को ढ़ुग बजियालगांव से खणदू हिंदाव।

29 मई को जगदीशिला से विशोन पर्वत पर डोली रात्रि विश्राम करेगी और 30 मई को विशोन पर्वत पर गंगा दशहरा पर्व के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और विकास गोष्ठी व प्रसाद वितरण के साथ ही डोली रथयात्रा का समापन किया जाएगा।

    इस अवसर पर नागेंद्र इंटर कॉलेज बजीरा के प्रधानाचार्य शिव सिंह रावत, अध्यक्ष रुप सिंह बजियाल, संयोजक गोविंद पेटवाल आदि मौजूद थे।

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