लोकनिर्माण विभाग रुद्रप्रयाग को खतरनाक जगहों पर अपनी नजरें इनायत करने के लिए देना पड़ेगा प्रस्ताव।
एक तरफ सुरक्षित यात्रा के लिए सड़क सुरक्षा सबसे अहम ओर प्राथमिक साधन होने के चलते प्रशासन अपनी नजरें बनाये है दूसरी तरफ आंख बंद करके विभागीय ज़िम्मेदार अपना पल्ला झाड़ने में मशगूल हैं।
साहब ने तेल पानी बन्द कर रखा बिना प्रस्ताव के नही मिलेगा तेल मशीन सब खड़ी हैं।
श्री केदारनाथ जी की यात्रा आगामी यात्राकाल को देखते हुए उत्तराखण्ड सरकार ही नही भारत सरकार की प्राथमिकता यात्रा को निर्विघ्न सम्पन्न कराने के लिए यात्रा की तैयारियों को सम्पन्न कराने में युद्ध स्तर पर प्रयासरत है और पिछली यात्रा में हुई कमियों को इस यात्रा में दुरस्त करने पर अपना ध्यान दे रहा है।
श्री केदारनाथ यात्रा के लिए गंगोत्री यमुनोत्री से मयाली गुप्तकाशी मोटर मार्ग पर अधिकतर यात्री वाहन चलते हैं और मयाली से किलोमीटर 4 पर बहुत खतरनाक अंधा मोड़ है इस अंधे मोड़ पर कभी भी दुर्घटना हो सकती है। इस सम्बंध में पहले भी वन विभाग रुद्रप्रयाग से व लोकनिर्माण विभाग से पत्राचार किया गया।
वनविभाग रुद्रप्रयाग के उप वन संरक्षक श्री अभिमन्यु द्वारा विषय की गम्भीरता को देखते हुए मोड़ के ऊपर की तरफ दो चीड़ के पेड़ों को हटाने का आदेश पारित करके वन निगम के माध्यम से इन पेड़ों को हटवा दिया गया है। वही दूसरी तरफ लोकनिर्माण विभाग द्वारा इस अंधे मोड़ पर एक माह बाद भी कोई कार्य नही करवाया गया है जबकि यात्रा के लिए अब कुल 25 दिन शेष हैं।
लोकनिर्माण विभाग के जूनियर इंजीनियर से टेलीफोन पर इस सम्बंध में वार्ता की गई तो इनका कहना था कि आप लिखकर दो की यह स्थान खतरनाक है और यहां पर विभाग चौड़ीकरण का कार्य करे के लिए प्रार्थना पत्र दीजिये फिर वहां पर कार्य हो सकता है। ज़िम्मेदार विभाग जब इस तरह की बात करेगा तो पहाड़ में निरन्तर हो रही दुर्घनाओं से सबक कैसे लिया जाएगा।
इस स्थान पर दुर्घटना न हो के लिए विभाग प्राथमिकता के आधार कार्य करवाने में अपना योगदान दे अन्यथा किसी भी दुर्घटना के लिए लोकनिर्माण विभाग रुद्रप्रयाग जिम्मेदार होगा।
जब यात्रा मार्ग पर लोकनिर्माण विभाग ऐसे लापरवाह है तो क्षेत्रीय सड़कों के हाल कैसे होंगे अंदाज लगाया जा सकता है।