रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।
विकासखण्ड जखोली के ग्राम मखेत के महेश्वर मंदिर परिसर मे महारुद्र यज्ञ कार्यक्रम आयोजन।
18 फरवरी को महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर यज्ञ शुभारम्भ होकर 22 फरवरी को होगा महारुद्रा यज्ञ का समापन्न।
जखोली-हिन्दू धर्म मे यज्ञ की परम्परा वैदिक काल से चली आ रही है, रामायण, महाभारत मे ऐसे अनेक राजाओं के द्वारा किये गए यज्ञों का वर्णन मिलता है। शास्त्रो के अनुसार यज्ञ की रचना सर्वप्रथम परमपिता बह्मा ने की थी, यज्ञ का सम्पूर्ण वर्णन वेदो मे मिलता है, यज्ञ करने से वायुमंडल को शुद्ध करके रोगों एवं महामारियों को भी दूर किये जाने का शास्त्रों मे उल्लेख है। प्राचीन काल मे ऋषि-महर्षि यज्ञ के बल पर बारिश भी करा लेते थे, फसलो को कीटो से बचाने के लिए भी यज्ञ करते थे और यज्ञ की राख को पौधों को खाद के रुप मे देते थे।
इसी मान्यता के चलते जखोली विकासखंड के ग्राम पंचायत मखेत, घरड़ा, उदयनगर,धनोली, मातखानी, लाम्बर, थापली आदि गाँवो के द्वारा महेश मंन्दिर मे पाँच दिवसीय महारुद्र यज्ञन का आयोजन किया जायेगा।
यह महारुद्रयज्ञ महाशिवरात्रि के शुअवसर पर 18 फरवरी को प्रारम्भ होगा, और 22 फरवरी को यज्ञ का समापन्न होगा, साथ ही मंदिर परिसर मे भंडारे का भी आयोजन किया जायेगा। यज्ञ के प्रथम दिवस 18 फरवरी को प्रातः 10 बजे नागराजा मंदिर परिसर से देव डोलियों के साथ कलश शोभा यात्रा भी भी निकाली जायेगी।
महेश्वर ग्राम्य विकास कार्यकारणी समिति के प्रबंधक जसपाल सिह बुटोला, अध्यक्ष सुरेश बुटोला, सचिव अषाड़ सिह राणा, कोषाध्यक्ष पंकज बुटोला व संरक्षक श्री नारायण सिह बुटोला ने बताया कि महारुद्र यज्ञ के इस शुभ पावन पर्व पर महेश्वर महादेव मन्दिर मखेत मे बंसत के आगमन पर महाशिवरात्रि महोत्सव भी बड़े धूमधाम से मनाया जायेगा।
इस मौके पर मंदिर के पुजारी श्री प्रभुत्तानंद स्वामी जी महाराज भी यज्ञ मे मौजूद रहेंगे।


