जोशीमठ में फिर जल धारा फूटने से हड़कम्प की स्थिति।
नृसिंह मन्दिर के पास जलधारा फूटने से 3 घण्टे तक दहशत का माहौल।
जोशीमठ में भू धंसाव की खबर ने देश विदेश के लोगों को झकझोर कर रख दिया है इसका कारण आद्य गुरु शंकर का मठ ओर भगवान बद्रीविशाल की यात्रा मार्ग का मुख्य पड़ाव जोशीमठ में मानव जनित कारणों से प्रकृति ने अपना रौद्र रूप दिखाना शुरू किया तो चर्चा का विषय बना की कारण क्या है। राजनीति के जानकारों ने पहली सरकार और पहली सरकारों द्वारा अबकी सरकार पर ठीकरा फोड़ कर कर्तव्य की इतिश्री कर ली और मोन व्रत धारण करके जोशीमठ में राहत और बचाव कार्यक्रम पर वर्तमान सरकार ने ध्यान लगाया और नुकसान न हो के लिए रिहायसी मकानों को खाली करवाकर नुकसान कम से कम हो पर अपना विशेष ध्यान रखा जो कि सराहनीय प्रयास है।
रविवार को अचानक नृसिंह मन्दिर के पास 3 घण्टे तक जलधारा निकलने से अफ़रातफ़री का माहौल फिर से बन गया। जिस पर स्थानीय लोगों का कहना था कि इस स्थान पर पहली बार इतना पानी देखा है। भू धंसाव के कारण पुराने जल स्रोत सुख रहे हैं और नए जल स्रोत निकल रहे हैं जो कि भूगर्भ में हलचल का परिणाम है।
लोक निर्माण विभाग के पास बड़े बड़े पानी के टैंक है इन टैंक से पानी रिसाव की संभावना से इनकार नही किया जा सकता, वही भू धंसाव के चलते बद्रीनाथ यात्रा मार्ग पर बड़ी दरारें आयी है जिन्हें बीआरओ द्वारा दुरस्त किया जा रहा है। मारवाड़ी में जय प्रकाश परिसर में पानी का रिसाव अभी भी जारी है।
समस्या जा समाधन जोशीमठ में अध्यन कर रही टीम द्वारा अपनी रिपोर्ट को सार्वजनिक करने के बाद ही समाधान की ओर ले जाने में भूगर्भीय अध्ययन रिपोर्ट सक्षम होगी।