विधि विधान के साथ भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द

11 वे ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट वेद ऋचाओं, स्थानीय वाध्य यंत्रों, आर्मी की बैण्ड धुनों व सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ विधि - विधान से
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रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

विधि विधान के साथ  भगवान केदारनाथ के कपाट शीतकाल के लिए बन्द।  

केदारनाथ-   11 वे ज्योर्तिलिंग भगवान केदारनाथ के कपाट वेद ऋचाओं, स्थानीय वाध्य यंत्रों, आर्मी की बैण्ड धुनों व सैकड़ों भक्तों की जयकारों के साथ विधि - विधान से     शीतकालीन के लिए बन्द कर दिये गये है। कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ जगत कल्याण के लिए शीतकाल के छ: माह तपस्यारत हो गये।

       भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने के पावन अवसर पर सैकड़ों भक्त कपाट बन्द होने के साक्षी बने। भगवान केदारनाथ के कपाट बन्द होने के बाद भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह उत्सव डोली धाम से रवाना होकर विभिन्न यात्रा पडा़वो पर भक्तों को आशीर्वाद देते हुए प्रथम रात्रि प्रवास के लिए रामपुर पहुंचेगी  तथा 29 अक्टूबर को शीतकालीन गद्दी स्थल ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विराजमान होगी तथा 30 अक्टूबर से भगवान केदारनाथ की शीतकालीन पूजा ओकारेश्वर मन्दिर ऊखीमठ में विधिवत शुरू होगी।

    6 मई से कपाट बन्द होने तक केदारनाथ धाम में 15 लाख 61 हजार 882 भक्तों ने पूजा-अर्चना, जलाभिषेक कर विश्व समृद्धि की कामना की।

देखिये भगवान श्री केदारनाथ जी की डोली श्री केदारनाथ धाम से अपने शीतकालीन पड़ाव उखीमठ के लिए रवाना।


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