भविष्य की दिवाली पुरानी पेंशन की हो बहाली

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के बैनर तले दीपावली के अवसर पर चलाये गए जागरूकता अभियान के तहत रंगोली कार्यक्रम जिसमें सम्पूर्ण
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 रामरतन पवांर/गढवाल ब्यूरो।

भविष्य की दिवाली पुरानी पेंशन की हो  बहाली ।

राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने रंगोली के रंगों से बनाई OPS की रंगोली।



  राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा उत्तराखंड के बैनर तले दीपावली के अवसर पर चलाये गए जागरूकता अभियान के तहत रंगोली कार्यक्रम जिसमें सम्पूर्ण देश से लोगो ने खुलकर विभिन्न रंगोलियों के माध्यम से पुरानी पेंशन की बहाली की मांग को जनता और सरकार के सामने रखा । पुरानी पेंशन की बहाली की मांग लगातार विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न अवसरों पर लगातार राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा पुरानी पेंशन बहाली के माध्यम से सरकारों तक पहुंचाया जा रहा है ।

      मोर्चे के प्रांतीय आई टी सेल प्रभारी अवधेश सेमवाल ने समस्त कर्मचारियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि , आज कर्मचारी दिवाली मना रहे हैं । लेकिन भविष्य की दिवाली तो पुरानी पेंशन की बहाली से ही सम्भव है । सरकार से इस दिवाली पर निवेदन है कि , पुरानी पेंशन को  कर्मचारियों के हित मे बहाल करे।  हाल ही में पंजाब सहित अन्य राज्यों में भी पुरानी पेंशन बहाल हुई है। उत्तराखंड सरकार को भी जल्द पुरानी पेंशन  बहाल कर देनी चाहिए।

प्रदेश प्रवक्ता  कमलेश कुमार मिश्रा  ने दिवाली पर पुरानी पेंशन रंगोली कार्यक्रम के लिए प्रदेश के समस्त कार्मिकों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि, पुरानी पेंशन के संघर्ष को ईमानदारी से राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा द्वारा निरन्तर गति दी जा रही है ।

    उत्तरकाशी के  पूर्व जिलाध्यक्ष  गुरुदेव रावत ने कहा कि  राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चे के द्वारा पुरानी पेंशन लागू किये जाने हेतू संघर्ष व जनजागरूकता अभियान लगातार जारी है । प्रदेश में 2005 से कर्मचारियों की पुरानी पेंशन योजना को बंद कर दिया गयी है ।

     जिसके बाद एक नई पेंशन योजना लागू की गई है जिसमे सेवानिवृत्त होने के बाद कर्मचारियों को एक हजार रुपये प्रतिमाह से भी कम पेंशन मिल रही है। जिससे गुज़ारे की बात सोचना भी हास्यास्पद है। ऐसी स्थिति में कर्मचारियों को छोड़ देने के बाद सरकार 15 सालों से कोई सुध नहीं ले रही है। कर्मचारियों का कहना है कि , पुरानी पेंशन का मुद्दा सत्ता और कर्मचारियों दोनो के लिए निर्णायक सिद्ध होगा।

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