UKSSSC भर्ती परीक्षा पेपर लीक प्रकरण में दो गैंगस्टर समेत 5 को जमानत मिलना कमजोर पैरवी का नतीजा।
जो मुद्दा जनभावना से जुड़ा है वह है । भर्ती परीक्षा घोटाले की जांच और विधानसभा में हुई बैकडोर से नियुक्ति जिसमें विधानसभा में बैकडोर से हुई नियुक्तियों ओर वर्तमान अध्यक्ष द्वारा कमेटी की शिकायत पर 228 कर्मचारियों को बाहर करने ओर कर्मचारियों का कोर्ट जाने के बाद स्टे ऑडर लाने से फिर से नियुक्ति पाना के साथ साथ UKSSSC भर्ती परीक्षा धांधली में आरोपित किये गए 2 गैंगस्टर सहित 5 लोगों को कोर्ट से जमानत मिलने से सरकार द्वारा नियुक्त की गई जांच एजेंसी के सात उस मामले को कोर्ट में लड़ने वाले कानून के जानकारों द्वारा कमजोर पैरवी के कारण जमानत मिलना कहीं न कहीं जनता में मायूसी का कारण बनना सबसे बड़ा कारण बन रहा है।
उत्तराखंड अधीनस्थ चयन सेवा आयोग भर्ती परीक्षा पेपर लीक मामले में एसटीएफ की पैरवी कमजोर होने से आरोपितों को जमानत मिल गयी है। आरोपितों से कुछ न मिलना और स्पष्ट सबूत न्यायालय में पेश न कर पाना जमानत का आधार बनना बड़ा कारण है।
चतुर्थ अपर सत्र न्यायाधीश आशुतोष मिश्र की अदालत में मनोज जोशी व बलवंत सिंह रौतेला सहित गौरव चौहान, गौरव नेगी व सूर्यप्रताप चौहान की जमानत अर्जी पर सुनवाई हुई। आरोपितों ने कहा कि उन्हें झूठे केस में फंसाया गया है। आरोपितों ने कहा न कोई कूट रचना की गई है और धोखाधड़ी उनके द्वारा की गई है केवल बयानों के आधार पर उन्हें फंसाया जा रहा है।
पूर्व में भी पंतनगर के एक पूर्व अधिकारी सहित चार आरोपितों को जमानत मिल चुकी है। साक्ष्यों के अभाव में अबतक 9 लोग जमानत पर बाहर आ चुके हैं।
जांच एजेंसी एसटीएफ की ओर आरोपियों के विरुद्ध आपराधिक साजिश (120 बी) को बढ़ाया गया है। पांच आरोपियों के विरुद्ध विश्वास का आपराधिक हनन (409) की धारा बढ़ाई गयी है।
एसटीएफ ने अभी तक 41 आरोपितों की गिरफ्तारी कर चुकी है ओर 28 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की जा चुकी है।
शुक्रवार को पांच आरोपितों की जमानत होने के साथ सात अन्य आरोपितों ने अपनी जमानत के लिए न्यायालय में जमानत अर्जी लगाई थी जिसपर 28 अक्टूबर को न्यायालय द्वारा सुनवाई की जाएगी।
इस तरह अगर कमजोर पैरवी के कारण आरोपित बाहर आते रहेंगे तो जांच एजेंसी पर भी सवाल खड़े होंगे कि कमजोर एजेंसी को जांच दी गयी इसपर सरकार को चाहिए कि जांच को जनभावनाओं के तहत ही करवाएं।