मेनेजर के गलत रवैये के चलते बेरोजगारों को नही दिया जा रहा ऋण

उत्तराखण्ड में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना कब शुरू हुई,क्यों नही दे रहे बैंक आवेदकों को ऋण,कुछ कमियां जो पूरी नही हुई उनको पूरा करना है ये क्यों नही,
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  रामरतन पवांर// गढ़वाल ब्यूरो

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार शूरु करने के लिए बेरोजगारों ने ‌खुद के उद्योग धन्धे खोलने के लिए उद्योग विभाग में किया था आवेदन।

विभाग द्वारा अपने कारोबार खोलने के लिए बेरोजगारों की फाईलो को चार माह पूर्व यूनियन बैंक बुढना मे ऋण स्वीकृत के लिए भेजी थी फाईल।

मेनेजर के गलत रवेये के चलते बेरोजगारों को नही दिया जा रहा ऋण, जिसके चलते आवेदन कर्ताओ मे फैला है भारी आक्रोश।


उत्तराखंड प्रदेश मे मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना इसलिए चलायी गयी थी कोरोनावायरस महामारी के चलते राज्य मे लौटने वाले प्रवासी नागरिक को ऋण देकर खुद का रोजगार व व्यापार कर सके।

    आपको बता दे कि मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना का आरम्भ पूर्व सरकार मे मुख्यमंत्री रहे त्रिवेन्द्र सिह रावत के द्वारा मई 2020 मे किया गया था, उत्तराखंड मे पलायन रोकने के लिए त्रिवेन्द्र सरकार यह महत्वपूर्ण योजना बनायी थी। 

    इस मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत पात्र आवेदकों को ऋण दिये जायेगा और उनके आवेदनो को बैंको मे भेजा जायेगा ताकि आवेदनकर्ताओं को बैंक अपने अपने उद्योगों को चलाने हेतु त्रृण दे सके और अपने प्रदेश मे रहकर रोजगार कर सके व प्रदेश वासियों के लिए रोजगार के अवसर पैदा कर सके, लेकिन उत्तराखंड सरकार की यह महत्वपूर्ण योजना बेरोजगार के हित मे लाभकारी होती हुई नजर नही आ रही है। कई बेरोजगार युवाओं ने उद्योग विभाग मे अपने स्वरोजगार को चलाने हेतु आवेदन जमा किये गये हैं।

वही उधोग विभाग ने ऋण स्वीकृति के लिए आवेदको की फाईलो को बैंको मे भेज दिया है लेकिन वो फाईले 6 माह से बैंको धूल फांक रही है। 

    ताकि हम बैंक से सब्सिडी पर ऋण लेकर अपना कारोबार शूरु कर सके लेकिन आलम ये है कि हमारी फाईले चार माह से बुढ़ना के यूनियन बैंक मे लटकी पड़ी हैं । 

   आवेदकों का कहना है कि हम लोग चार माह से बैंक के चक्कर काट रहे ‌हैं लेकिन बैंक मेनेजर नाही हमारी फाईले वापस देने को तैयार है नाही ऋण देने को। 

       यहां तक की मैनेजर डांट फटकार कर हम लोगो को भगा देते हैं आखिर बेरोजगार युवाओं के साथ ये कैसा न्याय है। उनका ये भी कहना है कि बुढना यूनियन बैंक मे तैनात बैंक मेनेजर का व्यवहार ‌भी आम जनता के प्रति ठीक नही है। 

    इनका ये भी कहना है कि लीड बैंक आफिसर के कहने पर भी बैंक मेनेजर द्वारा इनको बैंक से त्र्यृण देने की कोई कार्यवाही नही की गयी जिससे कि बेरोजगार युवाओं मे बैंक मेनेजर के अडियल रवैए से भारी आक्रोश बना हुआ है।

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