UKSSSC की परीक्षा का पेपर लीक करवाने वाले गिरोह के 6 सदस्य गिरप्तार लाखों रुपये नकद बरामद

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से माह दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुई अनियमितता/गड़बड़ी के सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री
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  UKSSSC की परीक्षा का पेपर लीक करवाने वाले गिरोह के 6 सदस्य गिरप्तार लाखों रुपये नकद बरामद।



क्या सपने देखे थे और क्या हो गए गरीब माँ बाप अपने सपने को हकीकत में बदलते देखने के लिए अपने जीवन भर की पूंजी को अपने बच्चों की पढ़ाई लिखाई में लगा देते हैं जिससे कि उनके सपने एक दिन उनके बच्चे अच्छी नोकरी पर लग कर  उनकी सबसे बड़ी लालसा को पूर्ण कर सकें।


पैसा भी क्या चीज है क्या से क्या करवा दे रहा जो मेहनत करते उनके हिस्से जीरो बट्टे सन्नाटा ओर जो जुगाड़ लगाने की तरकीब जान रहे वो जबरदस्त कामयाबी के रास्ते पर। क्या पैसे के पीछे आदमी इतना अंधा हो गया है कि आगे पीछे कुछ नही देख रहा। बच्चे कितनी मेहनत करते और कितनो की उम्र चली गयी तैयारी करते हुए आज वो न इस घाट के न उस घाट के वाली स्थिति में जी रहे हैं।

उत्तराखंड में सुर्खियों में रहा UKSSSC (उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ) की कार्यशैली पर सवाल मीडिया में तैरते रहे पर न आयोग ने अपने ढर्रे में कोई बदलाव किया और न किसी ने जहमत उठायी उठाते भी क्यों।

इसी क्रम हाल में  UKSSSC के द्वारा करवाई गई परीक्षा के पेपर लीक का मामला STF ने सुलझा दिया है जो कि बहुत ही गम्भीर विषय है कि क्यों इस सब की जरूरत इस शांत पहाड़ी प्रदेश में पड़ी है। क्यो इस तरह की हरकत को दोहराया न जाये के लिए कोई फुलप्रूफ प्लान बन रहे हैं। किसी निजी एजेंसी से ये सब गोपनीय कार्य बोर्ड करवाने पर मजबूर है। जो आयोग दूसरे विभागों के लिए कर्मचारी दे रहा वह अपने यहां ऐसे एक्सपर्ट कर्मचारी क्यों नही रख रहा। क्या सरकार को इस विषय पर गम्भीर रूप से चिंतन की आवश्यकता नही है।

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की ओर से माह दिसम्बर 2021 में आयोजित स्नातक स्तर की परीक्षा में हुई अनियमितता/गड़बड़ी के सम्बन्ध में माननीय मुख्यमंत्री जी निर्देशानुसार श्री Ashok Kumar द्वारा मुकदमा पंजीकृत कराते हुए एसटीएफ को विवेचना सौंपी थी। इस मामले में एसटीएफ ने छह आरोपी गिरफ्तार कर उनके पास से 37.10 लाख रुपये भी बरामद किए हैं। DGP उत्तराखण्ड श्री अशोक कुमार ने इस जल्द खुलासे के लिए एसटीएफ की पीठ थपथपाई है।


पूछताछ में अभियुक्तों ने बताया कि मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी निवासी ग्राम मयोली, थाना दनिया, जिला अल्मोडा वर्ष 2014-2015 से वर्ष 2018 तक रायपुर स्थित अधीनस्थ चयन सेवा आयोग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी(पीआरडी) के रूप में तैनात था। वर्ष 2018 में विभागीय शिकायत पर उक्त कर्मचारी को आयोग से हटा दिया गया। इससे पूर्व यह कर्मचारी 12 वर्ष तक लखनऊ सूर्या प्रिंटिंग प्रेस में कार्य कर चुका था।


दूसरा अभियुक्त जयजीत दास पुत्र विमल दास निवासी पण्डितवाड़ी, थाना कैण्ट, देहरादून आउटसोर्स कम्पनी आरएमएस टेक्नोसोल्यूसन इण्डिया प्रालि के माध्यम से कम्पयूटर प्रोग्रामर के रूप में वर्ष 2015 से कार्यरत् था तथा उक्त कम्पनी द्वारा अधीनस्थ चयन सेवा आयोग के गोपनीय कार्य किये जाते थे जिस कारण जयजीत दास की जान पहचान मनोज जोशी उपरोक्त से हुई थी।


आयोग के कार्यालय में मनोज जोशी पुत्र रमेश जोशी निवासी ग्राम पाटी, जिला चम्पावत का भी परीक्षाओं के कार्यक्रम के सम्बन्ध में जानकारी हेतु आना-जाना लगा रहता था जिस कारण उसकी पहचान मनोज जोशी पुत्र बालकृष्ण जोशी उपरोक्त से हो गई थी। चंपावत निवासी मनोज जोशी अभियुक्त कुलवीर सिंह चौहान पुत्र सुखवीर सिंह निवासी चांदपुर बिजनौर के करनपुर डालनवाला में संचालित डेल्टा डिफेन्स कोचिंग इन्स्टीटयूट से कोचिंग ले रहा था। कुलवीर ने ही मनोज जोशी को शूरवीर सिंह चौहान पुत्र अतर सिंह चौहान निवासी कालसी से मिलवाया। साथ ही किच्छा में प्राइवेट स्कूल में तैनात गौरव नेगी पुत्र गोपाल सिंह से जानपहचान हुई। इन्होंने मिलकर मनोज जोशी पुत्र बालकिशन जोशी के साथ मिलकर कम्पयूटर प्रोग्रामर जयजीत दास से मिलकर पेपर लीकर करवाने के एवज में 60 लाख रुपये दिए।

जयजीत दास UKSSSC में जाकर पेपरों की सेटिंग और अन्य तकनीकी कार्यों के कारण परीक्षा के प्रश्न एक्सट्रैक्ट कर लेता था। जिसे वह आरोपियों तक पहुंचाता था। टीम ने जयदीप की निशानदेही पर 37.10 लाख रूपये कैश बरामद किया है।

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