चमोली जनपद में घास काट कर जा रही महिलाओं को घास के बोझ समेत थाने में बिठाया।
सोशियल मीडिया पर आजकल चमोली जनपद में घास काट कर जाती महिलाओं को घास के बोझ समेत थाने में बिठाकर फिर 250 रुपये का दण्ड लगाकर छोड़ने की खबर सुर्खिया बटोर रही है। जमानत पर छौड़े जाने की खबर ऐसी भूचाल लाई की सब लोग अपनी अपनी तरफ से कयास लगा रहे थे कि अन्याय हुआ महिलाओं को कास्तकारी करने से कैसे रोका गया।
मामला थाना जोशीमठ के हैंलंग गाँव मे THDC कम्पनी की साइट पर अतिक्रमण को लेकर है। जिसमें की प्रशासन की तरफ से कार्यवाही को अमल में लाया गया और इस कार्यवाही के विरोध में महिलाओं द्वारा विरोध करने पर उनके घास के बोझ के साथ ही थाने में सुरक्षाबलों के द्वारा ले जाया गया।
इस सम्बन्ध में चमाली पुलिस का पक्ष जानने पर यह बात सामने आई-थाना जोशीमठ अंतर्गत हेलंग मे ग्राम वासियों की मांग पर ग्राम सभा की जमीन पर खेल के मैदान का निर्माण होना था जिस पर दो तीन परिवारों ने अवैध कब्जा कर रखा था दिनांक 15/07/2022 को थाना जोशीमठ की पुलिस तहसीलदार मजिस्ट्रेट श्री रवि शाह के नेतृत्व में मौके पर पहुंची तथा निर्माण दाई संस्था टीएचडीसी के द्वारा उक्त ग्राम सभा की जमीन पर खेल के मैदान हेतु भरान का काम चल रहा था कि तभी एक महिला जिसके द्वारा उक्त ग्राम सभा की जमीन पर कब्जा किया था वह घास लेकर कहीं से आई तथा उक्त निर्माण कार्य को देखकर आग बबूला हो गई मरने मारने पर उतारू हो गई काम कर रही गाड़ियों की तरफ बढ़ रही थी व नीचे कूदने का प्रयास करने लगी मौके पर काफी समझाया परंतु मानने को तैयार नहीं थी। अतः उस पर बंधी घास की गठरी को महिला फोर्स द्वारा हटाकर उसको मौके से ले जाया गया जिससे कि शांति व्यवस्था बनी रहे।
यही कहना ग्राम प्रधान सेलंग का भी है कि अतिक्रमण किसी भी दशा में जायज नहीं है और हम इस बात पर प्रशासन के साथ हैं। ग्राम हैलगं के ग्राम प्रधान से सम्पर्क नहीं हो पाया जिससे कि उनकी ग्राम सभा में हुई इस घटना पर उनका पक्ष भी सामने आ पाता।
सवाल बहुत से तैर रहे है जिला प्रशासन और THDC कम्पनी के साथ साथ उन पक्ष और विपक्ष पर जो इस मामले की तरफदारी कर रहे है या विरोध कर रहे हैं।
जिला प्रशासन की तरफ से जिलाधिकारी चमोली के ट्विटर अकाउंट से एक वीडियो पोस्ट की गई जो कि ग्राम प्रधान हैंलँग आंनद सैलानी का बयान है। अब यहां पर भी प्रशासन पर सवाल उठता है कि इतनी बड़ी खबर जो जनभावनाओं में आक्रोश भर गई है उसका स्पष्टीकरण जिला प्रशासन ने खुद क्यो नही दिया क्यो ग्राम प्रधान को आगे किया गया। ऐसे कब से होने लगा कि स्पष्टीकरण प्रधान जी दें। प्रधान जी अपनी ग्राम सभा को स्पष्टीकरण देंगे कि जो कार्यवाही हुई वह सही हुई या गलत।
जिला प्रशासन चाहता तो जिन लोगों ने अतिक्रमण किया था उनके खिलाफ भेजे गए नोटिस ओर उन पर मांगे गए जबाब के साथ साथ प्रशासन द्वारा अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही का व्योरा उसी समय दिया जाना चाहिए था। जिससे कि यह बात सही है या गलत स्पष्ट हो जाती। अब यह खबर जन मुद्दा बन चुकी है देखते हैं चमोली जिला प्रशासन इस पर क्या स्टैंड लेता है।
प्रशासन को चाहिए कि इस मामले की जांच हो और जो भी वास्तविक स्थिति हो उसे स्पष्ट कर इस मामले में उभर रहे जन आक्रोश को शांत करें।