रिपोर्ट- प्रभात पुरोहित/चमोली गढ़वाल
प्रथम सोमवार को सिद्ध पीठ बैरासकुंड महादेव में लगी रही शिव भक्तों की भीड़।
श्रावण मास के प्रथम सोमवार को भगवान बैरासकुंड महादेव मैं शिव भक्तों का पूरे दिन तांता लगा रहा जिसमें सभी शिव भक्तों द्वारा भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक रुद्री पाठ कर शिव शंकर से अपनी मन्नतें मांगी।
माना जाता है सावन मास में जो भी शिव भक्त सच्ची श्रद्धा भक्ति से भगवान बैरासकुंड महादेव मैं कुछ भी मांगता है भगवान भोलेनाथ उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण करते हैं। जिससे कि लगातार सिद्ध पीठ बैरासकुंड में शिव भक्तों की भीड़ बनी रहती है।
यह सिद्ध पीठ मंदिर नेशनल हाइवे नंदप्रयाग से 30 किलोमीटर अंदर नंदानगर की ओर स्थित है। सुंदर पर्वत श्रृंखलाओं और चारों तरफ आच्छादित देवदार के सुराही व बांज बुरांस के जंगल के बीच में स्थित सुंदर से मैदान मैं भगवान भोलेनाथ का यह सुंदर सा मंदिर का प्रांगण स्थित है जोकि वास्तव में अलौकिक अत्यंत सुंदर है। जिसके चारों तरफ नंदा देवी पर्वत श्रृंखला दिखती है व केदारखंड में इस मंदिर का महात्म्या भी लिखा हुआ है।
यहां पर युगों पहले भगवान शिव शंकर से वरदान पाने हेतु ब्रह्मज्ञानी दशानन रावण ने तप किया था वह भगवान भोलेनाथ से वरदान प्राप्त किया था।
मंदिर परिसर में एक जगह पर पत्थर में रावण के 10 उंगलियों के निशान भी गूदे हुए दिखते हैं कहा जाता है कि यह रावण की उंगलियों का निशान है।
मंदिर के सामने एक बड़ा सा जलकुंड है जिसे माना जाता है की रावण जल कुंड में हवन करता था उस समय का यह हवन कुंड रहा होगा मंदिर के चारों तरफ सुंदर सी बहुत बड़े-बड़े खेत वह एक मैदान है जिससे लगता है यहां पर महर्षियों ने भी वेद वेदांग की रचना यहां पर की होगी।
यह क्षेत्र दसौली गढ में आता है। बुजुर्गों के मुंह से कई प्रकार की दंत कथाएं सुनने को भी यहां पर मिलती है और इस स्थान के बारे में केदारखंड में भी दिया गया है वह यह मंदिर वास्तविक में बहुत ही रमणीय वह बहुत ही सुंदर है जो भी शिव भक्त एक बार यहां आता है वह दोबारा जरूर भगवान भोलेनाथ के दर्शनार्थ आता है।
क्षेत्र के लोगों की इच्छा है कि सरकार को इस मंदिर को पर्यटन से जोड़कर यहां के जो आवागमन संसाधन हैं उन पर उचित ध्यान देकर इस क्षेत्र को पर्यटन से जोड़ा जाए जिससे चारों धामों में आने वाले तीर्थयात्री भी इस सिद्ध पीठ के दर्शनार्थ हेतु आए।
जिससे क्षेत्रीय लोगों की आजीविका चले चले और स्वरोजगार के सुंदर अवसर यहां पर क्षेत्र के लोगों को मिले बहुत ही सुंदर के आस-पास के गांव में हैं पर सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है क्योंकि इस क्षेत्र में आवाजाही के लिए सड़कों की व्यवस्थाएं बिल्कुल छतिग्रस्त रूप में है। किसी प्रकार की भी यहां पर मेडिकल की सुविधा ही नहीं है सरकार को इस संबंध में कार्यवाही करनी चाहिए और यहां पर सड़कों व्यवस्था वह मेडिकल पर विशेष ध्यान देना होगा, जिससे जो भी यात्री शिवभक्त इस सिद्ध पीठ में आए उनको किसी प्रकार की दिक्कतों का सामना ना करना पड़े।।
देखिए बेरासकुण्ड महादेव मंदिर की जानकारी मंदिर के मुख्य अर्चक महाराज जी के द्वारा-