रामरतन सिंह पवांर/ गढ़वाल ब्यूरो।
मयाली गुप्तकाशी मोटर पर सांकला के निकट सड़क के बैंड पर सटे चीड़ के पेड़ो के कार सड़क सांकरी होने से दुर्घटना को दे रहे हैं न्यौता।
वन विभाग से पेड़ कटवाने के लिए तीन बर्षो से वन पंचायत सरपंच काट रहे है वन विभाग के चक्कर, लेकिन वन विभाग दिखा रहा है अपनी अक्कड़।
वन विभाग की नाक के नीचे हो रहा है अवैध खनन, लेकिन नही कर रहा है विभाग मनन।
जखोली-तहसील जखोली क्षेत्रांतर्गत मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग पर किलोमीटर 4 पर मोटर मार्ग के बायीं और तीन विशालकाय चीड़ के पेड़ है जिसमे कि दो पेड़ सड़क से सट्टे हुये हैं और एक पेड़ मोटर मार्ग से लगभग पाँच मीटर की दूरी पर स्थित है। ये तीनो चीड़ के पेड़ सड़क पर बने मोड़ पर स्थित है।
इन पेड़ो के चलते इस मोड़ पर मार्ग जगह संकरी होने के कारण हर समय दुर्घटना की प्रबल सम्भावना बनी रहती है। आपको बता दे कि यह मोटर मार्ग यात्रा की दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है और यात्रा काल मे मयाली-गुप्तकाशी मोटर मार्ग पर कई वाहन इसी मोटर मार्ग से बसुकेदार होकर गुप्तकाशी पहुंचते है।
ज्ञात हो कि मोड़ पर होने के कारण जनता इन पेड़ो को गिराने के लिए कई बार जाखणी मे स्थित वनक्षेत्राधिकारी के दक्षिणी रेंज मे इन पेड़ो को काटने हेतू मौखिक व लिखित रुप मे दिया जा चुका है ताकि वन विभाग द्वारा इन चीड़ के पेड़ो को कटवा कर इस स्थान पर सड़क का चौड़ीकरण किया जा सके और दुर्घटना से बचा जा सके।
वही कोठियाड़ा गांव के वन पंचायत सरपंच ने प्रदीप प्रसाद भट्ट ने बताया कि इन पेड़ो को काटवाने के लिए मै तीन बर्षों से वन विभाग कार्यालय के चक्कर काट रहा हूँ मगर कोई सुनने को तैयार नही है। सरपंच का कहना है कि मेरे द्वारा फिर से लिखित रुप से वनक्षेत्राधिकारी को अवगत कराया गया है।
इससे पूर्व भी वन पंचायत सरपंच ने तत्कालीन दो वनक्षेत्राधिकारियो भी लिखित रुप मे अवगत कराया था, जिससे कि वनक्षेत्राधिकारी ने इन तीनो पेड़ो पर दो साल पूर्व विभागीय घन भी लगाया गया था
लेकिन उसके बावजूद भी पेड़ो को नही हटाया गया। आखिर वन विभाग इन पेड़ो को न हटाने का मकसद क्या है। क्या वन विभाग एक बड़े दुर्घटना होने का इन्तजार कर रहा है।
खनन - वही अगर वन विभाग की भूमि पर अगर खनन की बात करे तो वन विभाग के दक्षिणी रेंज मे हो रहे अवैध खनन के चलते भी सांकला के वन पंचायत सरपंच ने मयाली-जखोली मोटर मार्ग पर स्थित तिराहा (मयाली जखोली व मयाली रणधार) मोटर मार्ग से कोठियाड़ा गांव आने वाला पैदल मार्ग पर घण्डियाल देवता के मंदिर के निकट अवैध खनन से बहुत बड़ा गढ्ढा बन चुका है जो जलभराव से भारी तवाही लाने के कगार पर पहुंच चुका है। साथ ही अवैध खनन करने वाले इस स्थान पर सुरक्षित नही हैं।
वन पंचायत सरपंच ने कहा कि अगर किसी बड़ी दुर्घटना होने से पूर्व वन विभाग द्वारा खनन करना बंद न किया गया तो भविष्य मे बड़ी दुर्घटना होने से इंकार नही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यह स्थान कोठियाड़ा गांव के शीर्ष पर है जो कि गांव मे निकटतम भविष्य मे आपदा का कारण बन सकता है। जिससे कि उन्होंने अभिलम्ब निरीक्षण कर कार्यवाही की माँग की है