रामरतन सिह पवांर/गढ़वाल
खण्डहर मे तब्दील हो चुका है चिरबटिया मे कृर्षि महाविद्यालय का आधा अधूरा भवन।
सरकार व सरकारी तंत्र की भेंट चढा चिरबटिया का कृषि महाविद्यालय।
जखोली-रूद्रप्रयाग जिले के जखोली ब्लाक के अन्तर्गत सीमांत गाँव चिरबटिया मे 2014 मे कृषि महाविद्यालय की स्थापना की गयी थी। चिरबटिया मे बर्षों से खाली पड़ी उद्यान विभाग की लगभग 8.3 हैक्टेयर जमीन कृर्षि महाविद्यालय भवन हेतू चयनित किया गया था।
भवन निर्माण का आंगणन कर शासन को भेजा गया, जिसके बाद तत्कालीन सरकार ने महाविद्यालय के भवन निर्माण के लिए 25 करोड़ की स्वीकृति दी गयी । जिसमे 5 करोड़ रूपये भवन निर्माण के लिए अवमुक्त कर दिये गये।
शासन ने टेंडर के माध्यम से उत्तरप्रदेश निर्माण निगम को इसका जिमा दे दिया, कार्यदाई संस्था ने यहां पर टाईप थ्री व टू के आवास का आवास भी बनाये गये। तथा महाविद्यालय का आवासीय भवन बनकर तैयार भी हो गया था और आज यह आधा अधूरा भवन लावारिस हालात मे पड़ा है।
पिछली सरकार ने भवन निर्माण का कार्य शूरु तो करवा दिया, लेकिन भाजपा सरकार बनते ही कार्य को रोक दिया गया। और आज तक भवन का निर्माण कार्य जस का तस पड़ा हुआ है। इस आधे अधूरे भवन मे लगभग पाँच करोड़ खर्च किये गये जो कि अब खंडहर मे तब्दील हो गया।
जबकि वर्तमान समय मे चिरबटिया मे संविदा के माध्यम से 24 कर्मचारी भी कार्यरत है, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने भवन निर्माण कार्य शूरू करवाने के लिए कई बार क्षेत्रीय विधायक सहित शासन को भी लिखा लेकिन न विधायक ने जनता की सुनी न सरकार ने।
आखिर जनता ऐसे जनता इन नेताओं को वोट दे भी तो किस आधार पर दे ये एक बड़ा सवाल है। वही पूर्व प्रधान रुप सिह मैहरा, पूर्व प्रधान सुवदेई देवी, उपप्रधान त्रिलोक सिह कैन्तूरा, आदि का कहना है कि अगर कृर्षि महाविद्यालय का भवन बन जाता और सुचारू रुप से कक्षाओं का संचालन होता तो आज चिरबटिया के दिन भी बहुरंगे हो जाते।