सरकारी नौकरी का झांसा देकर 52 लाख की ठगी, प्राइमरी शिक्षक देहरादून से गिरफ्तार।
दो मामलों में थी शिकायत, न्यायालय ने जारी किया था गैर जमानती वारंट; दो अन्य आरोपी फरार।
सरकारी नौकरी के नाम पर लाखों की ठगी: आरोपी प्राइमरी शिक्षक गिरफ्तार।
चंपावत। सरकारी नौकरी दिलाने के नाम पर एक महिला सहित दो लोगों से कुल 52 लाख रुपये की ठगी करने के आरोपी प्राइमरी शिक्षक को पुलिस ने देहरादून से गिरफ्तार किया है। शिक्षक के खिलाफ पिछले दो महीनों में लोहाघाट और चंपावत थानों में दो अलग-अलग मामले दर्ज किए गए थे। न्यायालय द्वारा गैर जमानती वारंट जारी किए जाने के बाद पुलिस ने यह कार्रवाई की है।
लोहाघाट के कोलीढेक निवासी आरोपी शिक्षक का नाम बलवंत सिंह रौतेला है। पुलिस अधीक्षक अजय गणपति ने बताया कि शिक्षक को गिरफ्तार करने वाली टीम ने उसे देहरादून से दबोचा। हालांकि, इस मामले में शामिल दो अन्य आरोपी - देहरादून साईबाबा एनक्लेव निवासी विनय भट्ट और अज्ञात निवासी कवींद्र उर्फ मायाराम सोनी की तलाश अभी भी जारी है।
दो अलग-अलग मामले
शिक्षक बलवंत रौतेला पर ठगी के दो मामले दर्ज थे:
पहला मामला (लोहाघाट): लोहाघाट निवासी मोहित पांडेय ने सितंबर में शिकायत दर्ज कराई थी कि बलवंत रौतेला, विनय भट्ट और कवींद्र उर्फ मायाराम सोनी ने सचिवालय में नौकरी लगाने के नाम पर उनसे 31 लाख रुपये ठगे थे। हालांकि, बाद में संज्ञान में आया कि आरोपी शिक्षक ने पीड़ित को यह राशि लौटा दी थी।
दूसरा मामला (चंपावत): चंपावत नगर के तल्ली मादली निवासी 35 वर्षीय सरोजनी ने 31 अक्टूबर को कोतवाली में तहरीर दी, जिसमें उन्होंने 22 लाख रुपये की ठगी की शिकायत की। पीड़िता के अनुसार, आरोपी बलवंत रौतेला ने नवंबर 2023 में उनके पति से संपर्क किया और 25 लाख रुपये में सरकारी नौकरी दिलाने का प्रस्ताव दिया। पैसे देने के बाद, शिक्षक उसे देहरादून ले गया और विनय भट्ट से मिलवाया, जिसने कथित तौर पर उसे सचिवालय ले जाकर खुद को सचिव बताने वाले कवींद्र सिंह से मिलवाया।
फर्जी नियुक्ति पत्र और धोखाधड़ी
कवींद्र ने पीड़िता सरोजनी को 7 मार्च 2024 को समाज कल्याण विभाग में प्रबंधक पद पर कार्यभार ग्रहण करने के लिए फर्जी नियुक्ति पत्र थमाया। जब जॉइनिंग नहीं हुई, तो समय बढ़ाकर एक के बाद एक कुल पाँच फर्जी नियुक्ति पत्र दिए गए। दोनों मामलों में, तीनों आरोपियों के खिलाफ झूठे दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी की धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी।
शिक्षक पर लटकी निलंबन की तलवार
आरोपी शिक्षक बलवंत रौतेला की गिरफ्तारी के बाद अब उस पर निलंबन की तलवार लटक गई है। मुख्य शिक्षा अधिकारी (सीईओ) मेहरबान सिंह बिष्ट ने बताया कि विभाग को गिरफ्तारी की विधिवत सूचना अभी नहीं मिली है। नियमानुसार, यदि कोई शिक्षक या कार्मिक 48 घंटे या उससे अधिक समय तक जेल में रहता है, तो उसे तत्काल निलंबित किए जाने का प्रावधान है।
पुलिस अब मामले में फरार चल रहे दो अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए संभावित ठिकानों पर छापेमारी कर रही है।


