हरीश रावत का संघर्ष और स्वावलंबन पर ज़ोर

जखोली में पाँच दिवसीय कृषि, औद्योगिक एवं पर्यटन विकास मेले का चतुर्थ दिवस,
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कृषि, औद्योगिक एवं पर्यटन विकास मेले का चतुर्थ दिवस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति।

जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण के जागर व लोकगीतों की रही धूम।

रामरतन पवांर/जखोली

जखोली (रुद्रप्रयाग)। विकासखंड जखोली में आयोजित पाँच दिवसीय कृषि, औद्योगिक एवं पर्यटन विकास मेले का चतुर्थ दिवस पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की उपस्थिति से ऐतिहासिक बन गया। मुख्य अतिथि के रूप में श्री रावत ने न केवल मेले का शुभारंभ किया, बल्कि क्षेत्र की जनता के प्रयासों की सराहना करते हुए उन्हें भविष्य के लिए प्रेरित भी किया।

 मुख्य अतिथि का सम्मान और मेले का शुभारंभ

मेले के चौथे दिन, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने दीप प्रज्वलित कर विधिवत मेले का शुभारंभ किया। इस अवसर पर उनके साथ केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत और दीन दयाल उपाध्याय पुरस्कार से सम्मानित पूर्व ब्लॉक प्रमुख प्रदीप थपलियाल भी मौजूद रहे।

जखोली क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्रीमती बिनीता चमोली ने अतिथि देवो भवः की परंपरा का निर्वहन करते हुए, श्री हरीश रावत को चाँदी का मुकुट पहनाकर सम्मानित किया। यह सम्मान क्षेत्र की जनता के अपार स्नेह और आदर को दर्शाता है।

 हरीश रावत का ओजस्वी संबोधन: संघर्ष और स्वावलंबन पर ज़ोर

जनसैलाब के बीच अपने संबोधन में, हरीश रावत ने जखोली की जनता को इस पाँच दिवसीय मेले को ऐतिहासिक बनाने के लिए बधाई दी। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि जनता आगे भी इस मेले को नई ऊँचाइयों तक पहुँचाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान देगी।

मातृशक्ति और संघर्ष:

उन्होंने विशेष रूप से मातृशक्ति का जिक्र किया और कहा कि "हमारी माँ, बहनों के दिलों में अनेक प्रकार की पीड़ाएँ भरी हुई हैं, उसके बाद भी वे अपने संघर्षों को आगे बढ़ाने में प्रयत्नशील रहती हैं।" इस दौरान, हज़ारों की संख्या में उमड़ी महिलाओं के जनसैलाब को देखकर वे गदगद हो उठे और भावुक होकर बोले कि "आज मुझे माँ-बहनों को देखकर अपनी माँ की याद आयी है।"

पहाड़ी उत्पादों को प्रोत्साहन:

रावत ने अपने भाषण में अनेक व्यंजनों का जिक्र करते हुए, मुख्य रूप से पहाड़ी उत्पादों जैसे कोदा (मडुआ) और झंगोरा के उत्पादन पर विशेष ज़ोर देने की बात कही। उन्होंने कहा कि इन पारंपरिक अनाजों को बढ़ावा देना क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए महत्वपूर्ण है।

युवाओं के लिए प्रेरणा:

उन्होंने युवा शक्ति को प्रेरित करते हुए कहा कि यदि नौजवान परिश्रम और मेहनत करते हैं, तो उनकी विजय अवश्य निश्चित है, चाहे वे छोटा काम करें या बड़ा काम। उन्होंने युवाओं को सलाह दी कि "हमारा लक्ष्य राजनीति नहीं होना चाहिए, पद नहीं होना चाहिए," बल्कि कर्म और मेहनत पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।

जंगली जानवरों से संघर्ष:

रावत ने खेती-बाड़ी पर जंगली जानवरों के प्रभाव का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि आज सूअर, बंदर, भालू आदि जंगली जानवर भले ही लोगों की फसल चौपट कर रहे हों, फिर भी हमारी मातृ शक्ति खेती बाड़ी करने में लगी है, जो उनके अटूट साहस को दर्शाता है।

अंत में, पूर्व मुख्यमंत्री ने भव्य आयोजन के लिए आयोजक समिति और जनता का धन्यवाद अदा किया।

 जागर सम्राट प्रीतम भरतवाण ने बांधा समां

मेले का आकर्षण हमेशा की तरह इस बार भी उत्तराखंड के सुप्रसिद्ध जागर सम्राट डॉ. प्रीतम भरतवाण रहे। डॉ. भरतवाण ने अपने शानदार जागरों और लोकगीतों के साथ जखोली प्रांगण में समां बांध दिया, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। गणमान्य व्यक्तियों की उपस्थिति

इस अवसर पर क्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति, जनप्रतिनिधि और अधिकारी मौजूद रहे, जिनमें:

  • क्षेत्र पंचायत प्रमुख श्रीमती बिनीता चमोली

  • पूर्व प्रमुख प्रदीप थपलियाल

  • खंड विकास अधिकारी (BDO) सुरेश शाह

  • कांग्रेस जिला अध्यक्ष कुंवर सजवाण

  • पीसीसी सदस्य अर्जुन गहरवार

  • कालीचरण रावत

  • केदारनाथ के पूर्व विधायक मनोज रावत

  • नगर पंचायत अध्यक्ष अगस्त्यमुनि राजेंद्र प्रसाद गोस्वामी

  • पूर्व प्रमुख जसपाल लाल

  • ईश्वरी बिष्ट

  • सहित कई प्रधान, जिला पंचायत सदस्य और क्षेत्र पंचायत सदस्य शामिल रहे।



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