रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।
जिला पंचायत वार्ड नंबर 08 बजीरा को अन्य पिछड़ा महिला के लिए आरक्षित किये जाने पर लोगों में बना भारी आक्रोश।
सामाजिक कार्यकर्ता रघुबीर सिह राणा ने बजीरा वार्ड को आरक्षित किये जाने से संबंधित लगायी आपत्ति।
जखोली- पंचायतो मे आरक्षण के लिए जारी शासनादेश के मुताबिक राज्य के 13 जनपदो मे त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के 2025 के चुनाव के लिए पदो व स्थानो पर आरक्षण का निर्धारण वर्ष 2011 की जनगणना के आधार किया गया। जिस आरक्षण को लेकर जनता मे आक्रोश देखने को मिल रहा है। बताते चले कि लोग अब इस आरक्षण को लेकर अपनी - अपनी आपतिंया दर्ज करवा रहे है।
न्याय पंचायत वार्ड संख्या 08 बजीरा से जिला पंचायत सीट को लेकर आपत्ति दर्ज करवायी गयी। आपत्ति ग्राम पंचायत धनकुराली के निवासी श्री रघुवीर राणा के द्वारा जिलाधिकारी कार्यालय रुद्रप्रयाग मे करायी गयी।
उन्होंने आपत्ति मे लिखा कि जिला पंचायत वार्ड संख्या 08 बजीरा को आन्य पिछड़ा वर्ग महिला हेतु आरक्षित की गयी है जो कि उतराखंड पंचायती राज अधिनियम 2016 के क्रम मे उतराखंड पंचायती राज (अधिनियम ) अध्यादेश 2025 की धारा 92 क के प्रावधानों के अनुकूल नही है।
उन्होने कि आरक्षण 2011 की जनगणना के आधार पर किया गया है, तब बजीरा न्याय पंचायत मे अन्य पिछड़े वर्ग की जनसंख्या 2100/सौ के आसपास थी। लेकिन वर्ष 2014 मे उपरोक्त अन्य पिछडे़ वर्गो मे से बंदोबस्ती मे दर्ज राजपूत सोनारो के परिवारों को पिछड़ा वर्ग आयोग ओ बी सी से हटाकर सामान्य व वर्ग मे डाल दिया, जिनकी जनसंख्या 60% हैं। इस हिसाब से बजीरा वार्ड मे राजपूत सोनारो को छोड़कर अन्य पिछड़े वर्ग जाति की संख्या 2011की गणना के अनुसार( 900) नौसौसे कम है, जो कि ईस आधार पर बजीरा वार्ड अन्य पिछड़े वर्ग के लिए आरक्षित नही हो सकती।
बजीरा जिला पंचायत वार्ड नंबर 08 वर्ष 2002 अन्य पिछड़े जाति के लिए आरक्षित थी। जिस कारण से क्रमवार बजीरा वार्ड नंबर 08 पिछड़े वर्ग की महिला के लिए आरक्षित नही हो सकती। यही ही नहीं 2019 मे भी 08 नंबर वार्ड को अनुसूचित जाति की महिला के लिए आरक्षित किया गया था। वार्ड को लगातार आरक्षित किये जाने से सामान्य वर्ग के साथ सरकार का ये न्याय पूर्ण व्यवहार नही है।
रघुवीर सिह राणा, पूर्व जेष्ठ प्रमुख चैन सिंह पवांर ने कहा कि बजीरा वार्ड से आरक्षित सीट को हटाकर अनारक्षित की जाय,अगर ऐसा नही होता है तो हमे मजबूरन न्यायालय की शरण मे जाने को मजबूर होना पड़ेगा।