लस्तर नहर पर मरोम्मत हेतु बनी रूप रेखा

एशिया की सबसे लंबी नहर कोन है, लस्तर गाड़ से हिलाईं गाड़ तक नहर की लंबाई कितनी है,
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 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो

लस्तर नहर पर मरोम्मत हेतु शासन से मिलने वाली धनराशि  का इस प्रकार किया जायेगा सदुपयोग।

विधायक भरत सिह चौधरी ने विभाग इस कार्य के लिए विभाग को दिये दिशा निर्देश।

जखोली- विकासखंड जखोली‌‌ के अन्तर्गत ग्रामीण क्षेत्र मे काश्तकारों के खेतो की सिंचाई करने हेतू ‌वर्ष 1977-78 मे तत्कालीन विधायक विद्यासागर नौटियाल ने अपने विधायकी कार्यकाल मे बांगर पट्टी के लस्तर गाड़ से और लस्या पट्टी तक दर्जनो‌ तक 29 किलोमीटर लम्बी सिंचाई नहर बनाये जाने की स्वीकृति ‌प्रदान की थी, इस नहर के निर्माण ‌कराये जाने‌ का  किसानो के खेतो को सिंचित किया जाने का‌ मुख्य उद्देश्य था।

यह निर्णय बागंर,सिलगढ़ तीन पट्टी ‌के लगभग( 1000 ) एक‌ हजार से अधिक भूमि को  सिंचित बनाने के लिए लिया गया महत्वपूर्ण और भविष्य के‌ लिए लिया गया एक एतिहासिक और ‌ महत्वपूर्ण फैसला था। उस जमाने मे इस लस्तर नहर को मात्र 1 करोड़ रूपए की लागत से बनाया गया‌ था। वर्ष 2011-12 मे इस नहर का 1.8 किलोमीटर विस्तार किया‌ गया जो कि अब बजीरा गांव तक 30.8 किलोमीटर एशिया की सबसे ‌बड़ी नहर‌ के‌ नाम से जानी जाती है। वही रूद्रप्रयाग विधायक के‌ जन‌‌‌सम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र ‌भंडारी के‌ ने‌ बताया की लस्तर नहर से संबन्धित रुप ‍रेखा तैयार की गई है।

इसी के‌ अनुसार‌ सिंचाई नहर ‌पर कार्य किया जायेगा। वही भंडारी ने‌ यह भी बताया की लस्तर नहर‌  मरोम्मत के‌ लिए शासन ‌‌‌‌‌से स्वीकृत धनराशि को इस प्रकार ‌से उपयोग में लाया जायेगा।

वही रूद्रप्रयाग विधायक के‌ जन‌‌‌सम्पर्क अधिकारी भूपेन्द्र ‌भंडारी के‌ ने‌ बताया की लस्तर नहर से संबन्धित रुप ‍रेखा तैयार की गया है 

इसी के‌ अनुसार‌ सिंचाई नहर ‌पर कार्य किया जायेगा। वही भंडारी ने‌ यह भी बताया की लस्तर नहर‌  मरोम्मत के‌ लिए शासन ‌‌‌‌‌से स्वीकृत धनराशि को इस प्रकार ‌से उपयोग में लाया जायेगा। साथ ही नहर‌ को बारामांसी बनाने की भी प्रक्रिया शुरु कर दी गयी है। विशेष उपरोक्त लिखित सभी निर्देश रूद्रप्रयाग विधायक श्री भरत चौधरी समन्धित विभाग के‌ अधिकारियों को ‌दिए गए हैं।

क्या है रुप ‌रेखा पढिए विस्तार ‌पूर्वक

1- नहर की सफाई समस्त गांवो‌की महिल मंगलदलो, जरुरत महिलाओं द्वारा की जायेगी।


2- ठेकेदार द्वारा मे‌हनताना सीधे मजदूरी करने वाले मजदूरों के‌ बैंक खातो मे भेज दिया जायेगा।


3- सिंचाई हेतू रोस्टर प्रणाली लागू की जायेगी। 

उपरोक्त ‌सभी  लिखित समस्त निर्देशों का‌ रूद्रप्रयाग विधायक भरत सिंह चौधरी द्वारा ‌समन्धित विभाग को  भेज दिया गया है।

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