बीजेपी देहरादून महानगर में दावेदारों की लम्बी फेहरिस्त।
चुनावी संग्राम के लिये अपनी मजबूत दावेदारी को पेश करते दावेदार।
एक निर्वतमान पार्षद ओर मण्डल अध्यक्ष के बीच रायसुमारी बदली तनातनी में।
निकाय चुनाव का इंतजार अब लगभग खत्म हो गया अब दावेदारों के द्वारा मजबूती से अपनी दावेदारी पेश की जा रही है । नगर निकाय के चुनाव में आरक्षण की स्थिति स्पष्ट होते ही उत्तराखंड में राजनीतिक सरगर्मियां तेज हो गई है। नगर निकाय के चुनावों की तैयारियों को लेकर जहाँ सत्ता विपक्ष के तमाम नेता तैयारियो में जुट गए हैं वही दावेदार अपनी मजबूत दावेदारी की ताल ठोकते हुए दवेदारियाँ बढ़ती ही जा रही हैं।
चुनावी बिगुल बजने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने उत्तराखण्ड के सभी जनपदों में रायशुमारी करने के लिए चयनित नेताओं को जिम्मेदारी दी है जो आंवटित जनपदों में निकाय चुनाव हेतु अपनी दावेदारी पेश करने वालों से दावेदारी के दस्तावेज ले भी रहे हैं।
देहरादून में मेयर पद की दावेदारी में ही कई दावेदार अपनी दावेदारी को लेकर समीकरणों के साथ खडे हो गए हैं। मेयर पद के दावेदारों की संख्या देहरादून में 1 दर्जन से ज्यादा हैं। महानगर कार्यालय में चुनावी सरगर्मियों को लेकर पासे गुनगुनी धूप और चाय की चुस्कियों के साथ समीकरणों के साथ कभी उलझ रही कभी सुलझ रही कि स्थिति में है।
पार्षद बनने के लिए महानगर देहरादून में सत्ताधारी पक्ष से भी जमकर दावेदारिया पेश हो रही हैं। दावेदार की संख्या 100 वार्ड में डेढ़ हजार से अधिक लोगो के द्वारा अपनी दावेदारी कर दी गयी हैं।
आज देहरादून के एक निवर्तमान पार्षद और मंडल अध्यक्ष के बीच रायशुमारी के बीच मामला बहुत ज्यादा गर्म हो गया ओर आलम हाथपाई तक पहुंच गया। इस मामले को पार्टी के नेताओं के द्वारा एक दूसरे को छुड़ाने पर शांत किया गया। बीजेपी के महानगर अध्यक्ष सिद्धार्थ अग्रवाल ने कहा कि मारपीट जैसी कोई घटना नहीं हुई केवल सुझाव देने को लेकर बात हुई जिसे आपसी बातचीत में सुलझा लिया गया है।