ऊर्जा प्रदेश के जखोली क्षेत्र में अंधेरे का साम्राज्य।
शक्तिमान सीरियल की तर्ज पर अंधेरा कायम रहेगा के धेय्य वाक्य को आत्मसात कर चुके विद्युत वितरण खण्ड जखोली के मठाधीश।
ये तकनीकी विभाग है या कुछ और इनकी तकनीकी जानकारी इतनी ज्यादा है कि हर मिनिट में विद्युत व्यवस्था का चरमराना आम बात हो गयी है जिससे कि जो लोग अपना रोजगार जैसे आटा चक्की, फ़ोटो कॉपी या अन्य इस तरह के बड़े बड़े कारखाने चला रहे हैं उनकी आजीविका पर ग्रहण लगाने की कसम खाये बेठे विद्युत विभाग के नुमाइंदों को कुम्भकर्णी नींद में जाना चाहिए जिससे कि भीख मांगने के लायक तो कम से कम यहां के छोटे छोटे लोग बच सके।
इनकी कहानी कितनी बार लिखे कोई शब्द नही है और न कोई सुनने वाला क्योकि चुनाव केदारनाथ में है यहां कोन से चुनाव हैं जो मतदाता प्रभावित होगा। आखिर माजरा है क्या कोई इनकी डे डायरी क्यो नही देखता की इतने शट डाउन क्यो हो रहें हैं और तकनीकी खामियां कहाँ है क्यो दुरस्त नही किया जा रहा।
ठेकेदार की लेबर के भरोसे चलाने वाले विद्युत व्यवस्थापक को ये क्यो समझ नही आ रहा कि बिना किसी तकनीकी जानकारी के ऐसे कार्य में जिसमें हर समय जान माल का खतरा बना रहता हो क्यो ऐसे लेबर से काम करवा रहें हैं जो तकनीकी रूप से कोई जानकारी नही रखता हो।
जैसे ही सुबह 9 बजने को होते दिनभर आंख मिचौली करती हुई विद्युत व्यवस्था ठीक सायंकाल को 5 बजने तक इतने चक्कर मारती है कि इस व्यवस्था की मार से आम जन इतना परेसान है कि आसमान को देखने को मजबूर हो जा रहा।
क्यो न हो पलायन पहले ही 25 वें बसन्त में प्रवेश कर गए उत्तराखंड में ऋषिकेश से ऊपर एक दारू की फैक्ट्री से अलावा कोन से बड़े कारखाने खुले हैं जो यहां ध्यान देगा कोई।
आखिर कैसे सुधरेगी व्यवस्था शायद फिर चारधाम के कपाट खुलने की तैयारी के साथ कुछ व्यवस्था सुधरे यह उम्मीद है।