जयन्ती गावँ में वन विभाग की टीमो के द्वारा लगातार की जा रही है निगरानी।
जयंती गाँव मे बाघ के द्वारा महिला को किया गया था घायल।
दिनांक 13 अक्टूबर 2024 को विकासखण्ड जखोली के ग्राम जयंती लस्या में श्रीमती उर्मिला देवी पर बाघ द्वारा किये गए हमले से स्थानीय लोग डर के साये में हैं।
मानव वन्य जीव संघर्ष का कारण गावं में पूर्व समय की अपेक्षा आबादी का कम होना, पुराने जीर्णशीर्ण घरों का होना, खेती का बंजर होकर उनपर झाड़ियों का उगना, घरों के आसपास चारापत्ती के बड़े पेड़ों से बने जंगल का होना, वन्य जीवों का आबादी की तरफ रुख करना और बंजर खेतों व आसपास झाड़ियों में अपना सुरक्षित स्थान देखकर बसेरा करना जिससे मानव वन्य जीव संघर्ष की घटनायें लगातार बढ़ रही हैं।
वन्य जीवों से किस प्रकार सुरक्षित रहा जा सकता है के लिए लगातार रुद्रप्रयाग वन प्रभाग के दक्षिणी जखोली रेंज के वन क्षेत्राधिकारी श्री एल एस मर्तोलिया, उप वन क्षेत्राधिकारी श्री किशोर चंद नैनवाल, वन आरक्षी श्री विक्रम सिंह भंडारी व वन आरक्षी प्रवीण श्रीवाल के द्वारा क्षेत्र में जागरूकता हेतु क्षेत्र का भ्रमण व स्थानीय जन जागरूकता हेतु लोगों से मिलकर मानव वन्य जीव संघर्ष के कारण व बचाव पर जानकारी दी जा रही है।
स्थानीय लोगों में वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के लगातार क्षेत्र भ्रमण से अपने दैनिक क्रियाकलापों को सम्पादित करने का साहस जुटा पाना सम्भव हो पाया है।
वन्य जीवों के द्वारा चाहे खेती को नुकसान हो या अन्य तरह की घटनाओं के लिए कहीं न कहीं अनियोजित विकास और भौतिकवादी मानव स्वभाव भी एक कारण है जिसपर हम ध्यान नहीं दे रहें हैं। यह हमे अपना अस्तित्व बचाये रखने के लिए चुनौती के रूप में लेना होगा अन्यथा पलायन कर गए लोगों के आलिशान घरों के आज खण्डर हालत भी सभी घरों की हो जायेगी।
हिमालय की आवाज़ का रुद्रप्रयाग वन प्रभाग से अनुरोध है कि जन हित को देखते हुए झाड़ियों के कटान व सुनसान स्थानों पर प्रकाश की व्यवस्था हेतु प्राविधान हो और इसे गावं के आसपास का क्षेत्र मनरेगा के माध्यम से झाड़ियों का कटान होना आवश्यक है जिससे कुछ हद तक इस तरह की घटनाओं को कम किया जा सकता है।