रामरतन पवांर/गढवाल ब्यूरो।
पाँच वर्ष बीत जाने के बावजूद भी विभाग द्वारा ठेकेदार का अवशेष भुगतान न होने पर ठेकेदार मानसिक तनाव मे।
अवशेष. भुगतान किये जाने के सम्बन्ध मे जिलाधिकारी को भी दिया था प्रार्थना पत्र, मुख्यमंत्री पोर्टल पर भी लो नि वि रूद्रप्रयाग द्वारा भुगतान न किये से सम्बंधित की थी शिकायत।
जखोली-विकासखंड जखोली के अन्तर्गत बर्ष 2016-17 मे राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान (रमसा) के तहत कनस्वाल इनफ्रा प्रा0 लि0 द्वारा प्रा० खं लो नि वि रूद्रप्रयाग के माध्यम से पांजणा व जैंती कोठियाड़ा मे विद्यालय भवन का निर्माण करवाया गया था जिसमे कि राइका पांजणा मे निर्मित भवन की लागत रू (6833223,00) लाख व राइका जैंती कोठियाड़ा के भवन की लागत रु 6743383,00 थी। जो कि दोनो विद्यालय भवन 2018 मे ठेकेदार नवीन कंसवाल द्वारा पूर्ण कर लिए गये थे। आज पाँच साल बीत जाने के बावजूद भी लोनिवि रूद्रप्रयाग द्वारा ठेकेदार का पूर्ण भुगतान नही किया गया। विभाग द्वारा समय पर पूर्ण भुगतान न किये जाने के संमध मे ठेकेदार ने
जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग दिनांक 29/09/2024 को भी एक प्रार्थना पत्र लिखित रूप मे दिया।
उन्होंने जिलाधिकारी को दिये गये प्रार्थना पत्र मे हवाला देते हुए कहा लिखा कि लो नि वि द्वारा पांजणा मे निर्मित इंटर कालेज के भवन का अंतिम बिल 7,81 लाख रुपये। व जैंती कोठियाड़ा मे निर्मित विद्यालय भवन का अंतिम भुगतान 1 लाख 27 हजार रू यानी कुल मिलाकर यानी 9 लाख से अधिक का भुगतान सहित लगभग 20 लाख रू की जमानत राशी विभाग द्वारा अवमुक्त की जानी शेष है। जबकि इस सम्बन्ध मे ठेकेदार ने लो नि वि के अधिशासी अभियंता को भी अपने शेष भुगतान किये जाने के संमध मे भी लिखित रुप से पत्र दिया। था लेकिन साहब के कानों मे जूं तक नही रेंग रहा है।
पाँच साल से किसी ठेकेदार का भुगतान न किया जाना विभाग की कार्य शैली पर सवालिया निशान उठने लाजिमी है। यहां तक की मुख्यमंत्री पोर्टल भी शिकायत की गयी, लेकिन अभी तक अधिशासी अभियंता के कान नही खुले।
ठेकेदार का कहना है कि मैने अपनी जमीन गिरवी रखकर और बैंक से कर्जा लेकर कम्पनी के माध्यम से निर्माण कार्य करवाये हैं। उन्होंने बताया कि अधिक देनदारी के चलते मेरे दो डम्पर एक व्यवसायिक वाहन, एक कार भी बिक चुकी है, तथा बाजार की देनदारी भी अधिक हो गयी है, जिस कारण से मै मानसिक तनाव मे आ चुका हूँ।
ठेकेदार नवीन कंसवाल ने ये भी बताया कि अगर विभाग ने यथाशीघ्र अवशेष भुगतान नही किया तो मजबूरन मुझे अदालत का दरवाजा खटखटाने पर मजबूर होना पड़ेगा।