केदारघाटी में लगे बाहरी लोगों की नो इंट्री के बोर्ड, गांव में प्रवेश करने पर अर्थदण्ड के साथ क़ानूनी चेतावनी।
हाल में हुए बाहरी लोगों के द्वारा नाम बदलकर नंदानगर में नाबालिक से छेड़छाड़ व श्रीनगर में फर्जी फेसबुक आईडी से दोस्ती करने के मामले में उठे जनाक्रोश को लेकर जनता में नाराजगी दिखी थी।
उत्तराखण्ड की केदारघाटी में यात्राकाल के समय स्थानीय तथा बाहरी व्यक्तियों का रोजगार के लिए इस केदारघाटी में रहना आम है। कुछ दिन पूर्व में हुए नंदानगर में नाबालिक को अश्लील हरकत व श्रीनगर में फर्जी आईडी बनाकर दोस्ती करने की घटना से सतर्क होकर गावं में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश निषेध के बोर्ड लगवाए जा रहें हैं। बाहरी व्यक्तियों के गावं में प्रवेश पर रोक व पकड़े जाने पर 5000 का अर्थदंड व कानूनी कार्यवाही के बोर्ड लगाए जा रहे हैं।
ग्राम फाटा, रविग्राम, मेखण्डा, रेल, न्यालसु, त्रियुगीनारायण, व गौरीकुण्ड में इस प्रकार चेतावनी के बोर्ड लगाये गए हैं। जिसमें स्पष्ट लिखा है कि गावँ में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश निषेध व उल्लंघन करने पर 5000 रुपये का अर्थदण्ड व कानूनी कार्यवाही की चेतावनी को लिखा गया है।
भारतीय संविधान में मौलिक अधिकारों का वर्णन है जिसे हर भारत के नागरिक के लये बनाया गया है -
आवागमन की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(d)) – प्रत्येक नागरिक को भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमने का अधिकार है। इस अधिकार पर जनता के सामान्य हितों और किसी अनुसूचित जनजाति के हितों की सुरक्षा के आधार पर उचित प्रतिबंध लगाए जा सकते हैं।
व्यापार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 19(1)(g)) – नागरिकों को किसी भी पेशे का अभ्यास करने या अपनी पसंद के किसी भी व्यवसाय, व्यापार करने का अधिकार है, बशर्ते कि जनता के सामान्य हित में कुछ प्रतिबंध लगाए जाएं।
वही इस मामले पर पुलिस का कहना है कि गावँ में लगे चेतावनी बोर्डों को हटाया जा रहा है व इस तरह की गतिविधियों को दुबारा न किया जाए के लिए सख्त हिदायत व कानूनी कार्यवाही की चेतावनी पुलिस द्वारा दी गयी है।