जखोली मे वर्षो पूर्व निर्मित लस्तर नहर की मरोम्मत हेतू धनराशि स्वीकृत

लस्तर नहर का निर्माण कब हुआ था,एशिया की सबसे बड़ी नहर जो कि लस्तर नहर के नाम से जानी जाती है,
खबर शेयर करें:

 रामरतन पवांर/गढ़वाल ब्यूरो।

जखोली मे वर्षो पूर्व निर्मित लस्तर नहर की मरोम्मत हेतू कमलेश उनियाल के अथक प्रयास से मुख्यमंत्री ने प्रदान की धनराशि की स्वीकृति।

जखोली-विकासखंड जखोली के अन्तर्गत बांगर (सिलगढ) और लस्या पट्टी के बजीरा गांव तक एशिया की सबसे बड़ी नहर जो कि लस्तर नहर के नाम से जानी जाती है।

   जिसका निर्माण बर्ष 1977 मे किया गया था। जो नहर आज सालो से बिना मरोम्मत के जीर्णशीर्ण स्थिति मे पड़ी है, इस नहर की दिशा और दशा को सुधारने के लिए जखोली ब्लॉक के देवल गांव के रहने वाले सामाजिक कार्यकर्ता और भाजपा के प्रदेश सह मीडिया प्रभारी कमलेश उनियाल इस नहर को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिह धामी से मिले।

मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान श्री उनियाल ने लस्तर नहर के मरोम्मत किये जाने के संमन्ध मे धनराशि स्वीकृति प्रदान करने से सम्बन्धित ज्ञापन सौंपा।

  ज्ञापन का संज्ञान लेते हुये मुख्यमंत्री ने जखोली मे अव्यवस्थित लस्तर, मुख्य नहर एवं आठ किलोमीटर तक क्षतिग्रस्त हाफसूटो के पुनरोद्धार तथा एच डी पी ई ( HDPE) पाईप द्वारा 10.214 किमी0 नये आफसूटों के निर्माण निर्माण हेतू 761.33 लाख एवं तैला, सुमाड़ी, तूनेटा तथा सिरवाड़ी मे 04 लिफ्ट सिंचाई योजना के निर्माण हेतू 500.38 लाख की स्वीकृति प्रदान की। यह स्वीकृति मुख्यमंत्री ने कमलेश उनियाल के अथक प्रयासों से  मिली है।

जखोली मे इन उपरोक्त योजनाओं के लिए धनराशि स्वीकृत करने पर श्री उनियाल ने मुख्यमंत्री का धन्यवाद ज्ञापित किया।

खबर पर प्रतिक्रिया दें 👇
खबर शेयर करें:

हमारे व्हाट्सएप्प ग्रुप से जुड़ें-

WhatsApp पर हमें खबरें भेजने व हमारी सभी खबरों को पढ़ने के लिए यहां लिंक पर क्लिक करें -

यहां क्लिक करें----->