केदारनाथ धाम के वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ का हृदय घात लगने से हुआ आकस्मिक निधन, भक्तों में छाई शोक की लहर।
रुद्रप्रयाग/ऊखीमठ- श्री केदारनाथ धाम के वेदपाठी व शिव स्तुति को अपनी सुमधुर कंठ के धनी मृत्युंजय हीरेमठ के आकस्मिक निधन से केदार घाटी समेत देश-विदेश के श्रद्धालुओं में शोक की लहर छा गई। पूज्य मृत्युंजय हीरेमठ जी की उम्र अभी मात्र 37 वर्ष की थी। शुक्रवार को देर रात उनके अचानक हृदय घात लगने से निधन हो गया जबकि शुक्रवार दिनतक उनका स्वास्थ्य ठीक था। लोकतंत्र के महापर्व पर उन्होंने मतदान बूथ पर जाकर मतदान भी किया। प्राप्त समाचार के अनुसार देर रात को वह जब शौच के लिए गए तो तो उनका अचानक स्वास्थ्य खराब हो गया और आकस्मिक निधन हो गया। दिवंगत वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ केदारनाथ धाम सहित ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ और मध्यमेश्वर में अपनी सुमधुर आवाज से आरती भजन कीर्तन की सेवाएं भी देते रहे हैं उनके निधन पर पूरे क्षेत्र के लोगों ने शोक व्यक्त किया है। सोशियल मीडिया पर पर कल पूज्य मृत्युंजय हीरेमठ के गाये भजन और उनकी फोटो हर जगह दिख थी इससे अंदाजा लगाया जा सकता कि आमजन के मन में उनके लिए कितनी श्रद्धा थी।
वेदपाठी मृत्युंजय हीरेमठ शिव स्त्रोतम् सहित भगवान भोलेनाथ के भजनों को लयवद्ध मुक्तकंठ से गाते थे। श्री केदारनाथ मंदिर परिसर से भगवान शिव की महिमा से संबंधित गाए उनके श्लोक और स्त्रोत के वीडियो सोशियल मिडिया पर लोगों को काफी पसंद आते थे। केदारनाथ मंदिर परिसर में उनका गाया 'सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम्। भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥' लोगों को बहुत पसंद आया था। सोशल मीडिया पर उनकी मधुर आवाजा में गाया ये श्लोक मंत्र बहुत वायरल हुआ थाबीकेटीसी पदाधिकारियों तथा अधिकारियों-कर्मचारियों ने हीरेमठ के निधन पर दु:ख व्यक्त किया है व उनके शोक संतप्त परिवार को सांत्वना दी है।