रिश्वत लेते प्रशासनिक अधिकारी को विजिलेंस टीम ने किया गिरप्तार

रिश्वत लेते प्रशासनिक अधिकारी को विजिलेंस टीम ने किया गिरप्तार
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 रिश्वत लेते प्रशासनिक अधिकारी को विजिलेंस टीम ने किया गिरप्तार।

 आखिर कैसे निजात मिलेगी चढ़ावा चढ़ाने वाले भ्रष्टाचार से। क्या हम अपने काम को आसानी से करवाने के लिए पत्रपुष्प समर्पित करने में हिचक नही रहे आखिर किसकी गलती है।

हल्द्वानी:  विजिलेंस की टीम ने एक और कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ की है अभी एक सप्ताह पहले विजिलेंस की टीम द्वारा रामनगर आरटीओ कार्यालय में एक अधिकारी को 12000 रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था।  वहीं एक बार फिर विजिलेंस की टीम ने रुद्रपुर स्थित आरटीओ कार्यालय के एक प्रशासनिक अधिकारी को 4000 रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है। आखिर ये चढ़ावा वाली प्रथा देश और समाज के लिए कितनी घातक है  यह सभ्य समाज के लिए विचारणीय प्रश्न है।           

  शिकायतकर्ता की शिकायत थी कि  मैंने थाना हल्द्वानी से नीलामी में मोटर साइकिल ली थी गाड़ी की कागजातों को ट्रान्सफर करने के लिये आरटीओ कार्यालय रूद्रपुर के प्रशासनिक अधिकारी भाष्करानन्द जोशी द्वारा गाड़ी की आरसी बनाने के एवज में 4000/- रूपये की मांग की गई गई थी।  प्रार्थी रिश्वत नहीं देना चाहता है .उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाय इस बावत शिकायतकर्ता द्वारा शिकायतकर्ता ने सतर्कता अधिष्ठान कुमाऊं मंडल हल्द्वानी में शिकायत की थी। 

प्राप्त शिकायत पर सतर्कता अधिष्ठान सेक्टर हल्द्वानी द्वारा गोपनीय जांच किये जाने पर प्रथम दृष्टया शिकायत सही पाये जाने पर तत्काल ट्रैप टीम का गठन किया।  टीम द्वारा कार्यवाही करते हुये मंगलवार को रुद्रपुर आरटीओ  कार्यालय में कार्यरत प्रशासनिक अधिकारी भाष्करानन्द जोशी पुत्र भैरव दत्त जोशी निवासी फैज-3 डहरिया मुखानी, हल्द्वानी जनपद नैनीताल को शिकायतकर्ता से 4000/- रूपये (चार हजार रूपये) की रिश्वत लेते हुये देवलचौड़ चौराहा हल्द्वानी से रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। 

 अभियुक्त से पूछताछ जारी है उक्त प्रकरण में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अन्तर्गत अभियोग पंजीकृत कर न्यायालय में पेश किया जाएगा।  विजिलेंस की टीम ने लोगों से अपील की है कि अगर कोई रिश्वत मांगता है तो सतर्कता अधिष्ठान के टोल फ्री हैल्पलाइन नम्बर-1064 एवं Whatsapp हैल्पलाईन नम्बर 9456592300 पर 24 घंटा संपर्क कर शिकायत दर्ज कर सकता है। आखिर 21 वीं सदी में भी इस तरह भ्रष्टाचार के नमूने देखने को मिल रहें हैं तो यह सुनिश्चित कैसे होगा की आगे कार्यवाही होने के बाद दुबारा ऐसे नहीं होगा क्या ऐसे उत्तराखंड की आस  में शहीद हुए थे अमर बलिदानी क्या उनके सपने ऐसे उदाहरणों से साकार होंगे और ज्यादा खाने के चक्कर में किसी गरीब का निवाला हो या सक्षम का हक क्यों छीना जाये। 

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